गबन के आरोपितों की जमानत नामंजूर, स्कूल के क्लर्क ने किया था डेढ़ करोड़ का घपला
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार स्कूल में गबन करने के आरोपिता की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
By Edited By: Updated: Sun, 09 Dec 2018 12:05 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार में डेढ़ करोड़ गबन के आरोपित कार्यालय प्रमुख बिजेंद्र नाथ गुप्ता व ओम एसोसिएट्स बरेली के नितिन सक्सेना की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है।
अभियोजन के अनुसार, इसी साल छह मई को प्रेमा जगाती सरस्वती विहार के प्रबंध समिति अध्यक्ष केपी काला की ओर से तल्लीताल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उनके अनुसार, आरोपित बिजेंद्र नाथ गुप्ता निवासी-253 वीर सावरकर नगर डैलापीर इज्जतनगर बरेली विद्यालय में लेखाकार थे। पिछले साल जुलाई में उनका तबादला सरस्वती विहार शांतिपुरी किया गया। जांच में पता चला कि बिजेंद्र ने अनाधिकृत रूप से 45 लाख का भुगतान ओम एसोसिएट के नाम डीडी बनाकर किया है, जबकि ओम एसोसिएट का विद्यालय के कार्यो से कोई व्यापारिक संबंध नहीं था। इस तहर करीब डेढ़ करोड़ का गबन किया गया। घोटाले की रकम ठिकाने लगाने के लिए अपने साथी के नाम फर्जी कंपनी बनाई। पुलिस ने जांच के बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया। पिछले दिनों बिजेंद्र ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की तो राहत नहीं मिली। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया।
शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि बिजेंद्र ने मामले को डायवर्ट करने तथा साजिश पर पर्दा डालने के लिए स्कूल प्रबंधक केपी काला समेत अन्य के खिलाफ बरेली के इज्जतनगर थाने में लूट-डकैती का फर्जी मुकदमा लिखाया। बचाव पक्ष ने आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत नामंजूर कर दी।
अभियोजन के अनुसार, इसी साल छह मई को प्रेमा जगाती सरस्वती विहार के प्रबंध समिति अध्यक्ष केपी काला की ओर से तल्लीताल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उनके अनुसार, आरोपित बिजेंद्र नाथ गुप्ता निवासी-253 वीर सावरकर नगर डैलापीर इज्जतनगर बरेली विद्यालय में लेखाकार थे। पिछले साल जुलाई में उनका तबादला सरस्वती विहार शांतिपुरी किया गया। जांच में पता चला कि बिजेंद्र ने अनाधिकृत रूप से 45 लाख का भुगतान ओम एसोसिएट के नाम डीडी बनाकर किया है, जबकि ओम एसोसिएट का विद्यालय के कार्यो से कोई व्यापारिक संबंध नहीं था। इस तहर करीब डेढ़ करोड़ का गबन किया गया। घोटाले की रकम ठिकाने लगाने के लिए अपने साथी के नाम फर्जी कंपनी बनाई। पुलिस ने जांच के बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया। पिछले दिनों बिजेंद्र ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की तो राहत नहीं मिली। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया।
शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि बिजेंद्र ने मामले को डायवर्ट करने तथा साजिश पर पर्दा डालने के लिए स्कूल प्रबंधक केपी काला समेत अन्य के खिलाफ बरेली के इज्जतनगर थाने में लूट-डकैती का फर्जी मुकदमा लिखाया। बचाव पक्ष ने आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत नामंजूर कर दी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।