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राजनीति ही नहीं सौर मंडल के लिए भी अहम है चार जून की तारीख, इस दिन बनेगा ग्रहों का दुर्लभ संयोग; जानें क्या है खास

भारतीय राजनीति के भविष्य के लिहाज से चार जून की तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। इसी दिन हमारे सौर मंडल में छह ग्रह दुर्लभ संयोग के साथ वृत्ताकार आकृति बनाने जा रहे हैं। ज्योतिष के लिहाज से यह संयोग राशियों पर प्रभाव डालने वाला हो सकता है लेकिन विज्ञानियों के लिए यह सामान्य खगोलीय घटना है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ विज्ञानी ने बताया कि जून का...

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 27 May 2024 10:23 PM (IST)
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चार जून को सौर मंडल में भी बनेगा छह ग्रहों का दुर्लभ संयोग
रमेश चंद्रा, नैनीताल। भारतीय राजनीति के भविष्य के लिहाज से चार जून की तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। इसी दिन हमारे सौर मंडल में छह ग्रह दुर्लभ संयोग के साथ वृत्ताकार आकृति बनाने जा रहे हैं। ज्योतिष के लिहाज से यह संयोग राशियों पर प्रभाव डालने वाला हो सकता है, लेकिन विज्ञानियों के लिए यह सामान्य खगोलीय घटना है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि जून का आगमन ग्रहों की दिशा को बदलने जा रहा है। इस खगोलीय घटना में भोर के समय आसमान में शनि (शैटर्न), नेपच्यून, मंगल (मार्स), यूरेनस, बुध (मरकरी) और बृहस्पति (जुपिटर) नीचे से ऊपर को वृत्ताकार लाइन में मौजूद रहेंगे।

सूर्योदय से पहले आएंगे नजर

ये सभी ग्रह जून शुरुआत से ही सूर्योदय से पहले नजर आएंगे। इनमें यूरेनस व नेपच्यून को देखने के लिए दूरबीन की मदद लेनी होंगी। अन्य गृहों को बिना दूरबीन के भी देखा जा सकेगा। मंगल और शनि को पहचानना सबसे आसान होगा। सूर्योदय से लगभग आधे घंटे पहले इन्हें देखने के लिए चार जून सर्वोत्तम तिथि होगी।

इस खगोलीय घटना में बुध और बृहस्पति एक साथ सबसे करीब दिखाई देंगे। इन दोनों ग्रहों के बीच की आभासी दूरी एक डिग्री से भी कम होगी। लाल रंग में मंगल को भी आसानी से पहचाना जा सकेगा। इसके ऊपर की तरफ नेप्च्यून और अंत मे सबसे ऊपर शनि ग्रह होगा। इनके अलावा सौर मंडल के गृहों में पृथ्वी के अलावा शुक्र (वीनस) इन दिनों सूर्य की चमक में छिपा हुआ है।

डा. पांडेय के अनुसार यह संयोग दशकों में बनता है। विज्ञानी दृष्टिकोण से यह स्थिति ग्रहों की दिशा, गति व दूरी मापन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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