बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ तीन-तीन साल का कंप्यूटर व सिलाई प्रशिक्षण दे रहा ये स्कूल
जूनियर हाइस्कूल पिंगलो के प्रधानाध्यापक सुरेश सती स्कूल में सार्थक प्रयास कर रहे हैं। वह स्कूल के बच्चों को तीन-तीन साल का कंप्यूटर और सिलाई प्रशिक्षण दिला रहे हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 01 Jan 2020 01:23 PM (IST)
बागेश्वर, जेएनएन : शिक्षा के क्षेत्र में सरकार लगातार अभिनव प्रयोग कर रही है। नए साल में भी तमाम नए परिर्वन भी लाने वाली है। इसी परिवर्तन को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं जूनियर हाइस्कूल पिंगलो के प्रधानाध्यापक सुरेश सती। वह स्कूल के बच्चों को तीन-तीन साल का कंप्यूटर और सिलाई प्रशिक्षण दिला रहे हैं। ताकि किताबी ज्ञान लेकर जाने वाले बच्चे रोजगार के लिहाज भी तैयार होकर बाहर निकलें।
राजकीय जूनियर हाइस्कूल पिंगलो के प्रधानाध्यापक सुरेश सती 2008 में यहां नियुक्त हुए। तब विद्यालय की छात्रसंख्या 33 थी। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया तो असर हुआ कि वर्तमान में छात्रसंख्या 115 तक पहुंच गई है। जबकि स्कूल से महज एक किमी के दायरे में राजकीय इंटर कालेज भी है, लेकिन पांचवीं पास करने के बाद अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को इसी विद्यालय में भेज रहे हैं।स्कूल में दो ट्रेड
प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों की मदद से विद्यालय में कंप्यूटर प्रशिक्षण और सिलाई प्रशिक्षण के दो ट्रेड खोले हैं। अधिकतर छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण भी ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण तीन-तीन साल का है। हिंदी, अंग्रेजी, कुमाऊंनी आदि भाषाओं में प्रार्थना सभा, हैंडराइटिंग, योग, खेल प्रतियोगिताएं भी संचालित हो रही हैं। छात्र-छात्राएं स्टेट लेबल तक पहुंचने लगे हैं।नवाचार पर काम
विद्यालय में नवाचार पर भी काम हुआ है। मेरी संस्कृति मेरी पहचान के तहत उत्तराखंड की लोक संस्कृति को संजोने का काम हो रहा है। स्थानीय पहनावा, खान-पान, लोकनृतय, वास्तुकला, एपण आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।42 बच्चों का छात्रवृत्ति को चयनविद्यालय के 42 छात्र-छात्राओं का चयन राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए हुआ है। इसके अलावा विद्यालय में सामूहिक जन्मोत्सव, बाक्स फाइल नवचार कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
हाइस्कूल पिंगलो प्रधाचार्य के कार्य को सराहा नरेश शर्मा, सीईओ, बागेश्वर ने बताया कि राजकीय जूनियर हाइस्कूल पिंगलो शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है। प्रधानाध्यापक को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता, तरुश्री पुरस्कार, राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार, गर्वनर अवार्ड, इनोवेटिव टीचर अवार्ड तथा नवाचार में उत्कृष्ट काम के लिए विद्या भारती ने पुरस्कार प्रदान किया है।
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