Nanda Devi Mahotsav: नंदा देवी महोत्सव में ज्योलीकोट से लाया जाएगा कदली वृक्ष
ज्योलीकोट में नारायण सिंह बर्गली के निवास से दो कदली वृक्ष नगर भ्रमण के बाद मां नयना देवी मंदिर लाए जाएंगे। इस दौरान 21 फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। पर्यावरणविद यशपाल रावत 1991 से ही हर साल 21 पौधे प्रदान करते रहे हैं।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Thu, 21 Jul 2022 07:04 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नैनीताल: पहली से सात सितबंर तक तय श्री नंदा देवी महोत्सव की तैयारियां जोरशोर से जारी हैं। आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा की ओर से महोत्सव के 129 वें साल में मां नंदा-सुनंदा की मूर्तिनिर्माण के लिए इस बार कदली वृक्ष ज्योलिकोट देवी मंदिर से लाया जाएगा।
दो सितंबर को ज्योलीकोट में नारायण सिंह बर्गली के निवास से दो कदली वृक्ष नगर भ्रमण के बाद मां नयना देवी मंदिर लाए जाएंगे। इस दौरान 21 फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। पर्यावरणविद यशपाल रावत 1991 से ही हर साल 21 पौधे प्रदान करते रहे हैं।
श्रीरामसेवक सभा के तरफ से कदली चयन में अध्यक्ष मनोज साह ,भुवन बिष्ट ,विमल चौधरी ,राजेंद्र बजेठा ,हीरा सिंह ,शानू साह तथा ज्योलिकोट मंदिर समिति की तरफ से पूरन कांडपाल, विनय गुरुरानी नंदन सिंह बोरा, श्याम सिंह, गणेश साह, कुंदन लाल वर्मा शामिल रहे।
महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि महोत्सव में लोक पारंपरिक कलाकारों कदली से मूर्ति निर्माण करेंगे। मान्यता है कि कदली देव गुरु बृहस्पति के प्रिय भगवान विष्णु के वास ,पवित्र तथा पारस्थितिक रूप से गलनशील हैं।
आयोजक सभा की ओर से 24 जुलाई को सामूहिक पार्थिव पूजन किया जा रहा है। इच्छुक श्रद्धालु पार्थिव पूजन हेतु रामसेवक सभा से संपर्क कर सकते है।
जान्हवी का नामी इंस्टीट्यूट के लिए चयनडीएसबी परिसर की पूर्व छात्रा जान्हवी तिवारी का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरु के लिए चयन हुआ है ।बेतालघाट के प्रकाश चंद्र तिवारी शिक्षक तथा सीमा तिवारी की बेटी जान्हवी ने कुमाऊं यूनिवर्सिटी से एमएससी, एटोमोलॉजी पंतनगर विश्वविद्यालय, आईसीएआर नेट गेट में दो बार सफलता हासिल की।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरु की भारत में प्रथम रैंकिंग है। उनकी इस सफलता पर कूटा के अध्यक्ष प्रो ललित तिवारी समेत अन्य ने बधाई दी है।
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