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Kainchi Dham: कैंची धाम ने नैनीताल के धार्मिक पर्यटन को लगाए पंख, श्रद्धालु बढ़े तो रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे

कैंची धाम ने नैनीताल के धार्मिक पर्यटन को पंख लगा दिए हैं। यह बाबा के प्रति आस्था का ही प्रभाव है कि रोजाना दर्शन को पहुंचने वाले भक्तों की संख्या हजारों पहुंचने लगी है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के द्वार खुले हैं। कोविड के बाद से बाबा नीब करौरी महाराज पर आस्था का प्रतीक कैंची धाम कुमाऊं में पांचवें धाम के रूप में उभर रहा है।

By naresh kumar Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 27 Sep 2024 08:27 AM (IST)
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कैंची धाम मंदिर, नीम करोली बाबा (इनसेट)।

नरेश कुमार, नैनीताल। जिले के प्रसिद्ध व करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र कैंची धाम ने नैनीताल के धार्मिक पर्यटन को पंख लगा दिए हैं। यह बाबा के प्रति आस्था का ही प्रभाव है कि रोजाना दर्शन को पहुंचने वाले भक्तों की संख्या हजारों पहुंचने लगी है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के द्वार खुले हैं। बढ़ती भीड़ यातायात प्रबंधन समेत अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने की चुनौती भी बनी हुई है।

सरोवर नगरी नैनीताल के साथ ही भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल, गरुड़ताल समेत अन्य झीलों का सौंदर्य निहारना पर्यटकों का मुख्य आकर्षण रहा है। कोविड के बाद से बाबा नीब करौरी महाराज पर आस्था का प्रतीक कैंची धाम कुमाऊं में पांचवें धाम के रूप में उभर रहा है। कैंची धाम मल्ला निगलाट ग्राम पंचायत के अधीन आता है। वहां के ग्राम प्रधान पंकज निगल्टिया बताते है कि मंदिर में रोजाना औसतन पांच हजार श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे है। जिससे क्षेत्र में रोजगार और सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है।

सरकार भी दे रही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

कैंची धाम के प्रति बढ़ती आस्था के बाद सरकार की ओर से सुविधाओं पर फोकस किया गया है। कैंची धाम को मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल कर सुविधाओं के विस्तार का खाका खींचा गया है। इसके अलावा धाम के विकास को लेकर तमाम विकासात्मक व सुंदरीकरण कार्य प्रस्तावित है। पूरे तहसील क्षेत्र को कैंची धाम नाम दिये जाने के बाद क्षेत्र को एक खास पहचान मिली है।

श्रद्धालुओं के दबाव के अनुरूप व्यवस्थाएं नहीं

कैंची धाम में तमाम मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। ग्राम सभा क्षेत्र में वर्तमान में करीब 40 होटल व होम स्टे संचालित हैं। जिसमें अधिकतम एक हजार पर्यटकों के ही ठहरने की व्यवस्था है। साथ ही बस व टैक्सी वाहनों से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए सार्वजनिक शौचालय व स्नानागार तक का अभाव बना हुआ है। जिससे नदी व आसपास के जंगल में गंदगी बढ़ रही है। सरकार की ओर से धाम के विकास को 28 करोड़ के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को टेंडर प्रक्रिया गतिमान है।जिससे सुविधाओं में बढ़ोत्तरी तय है।

पंजीकरण व्यवस्था लागू होने पर बनेगी बात

कैंची धाम में श्रद्धालुओं का दबाव अधिक बढ़ने के कारण यातायात व्यवस्थाएं चरमराने लगी है। वीकेंड व शनिवार, मंगलवार को भवाली से कैंची धाम तक वाहनों की लंबी कतार लगना आम हो गया है। धाम में पार्किंग के लिए तो सीमित स्थल है। ऐसे में यहां नियंत्रित संख्या में ही श्रद्धालुओं के पहुंचने की जरूरत महसूस होने लगी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैंची धाम में भी चार धाम की तर्ज पर पंजीकरण व्यवस्था लागू करने की घोषणा कर चुके है। यह सिस्टम धरातल पर उतरे तो व्यवस्थाएं बनाने में आसानी होगी।

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