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Kargil Vijay Diwas: कारगिल वार मेमोरियल: जहां शहीदों की शिलाएं देख आंखें हो जाएंगी नम और सीना गर्व से चौड़ा

Kargil Vijay Diwas श्रीनगर-लेह हाईवे पर द्रास में बना है कारगिल वार मेमोरियल। यह स्मारक कारगिल विजय दिवस की गाथा को बताती है। साथ ही युद्ध में उनके शौर्य व पराक्रम की याद दिलाती है। हर साल 26 जुलाई को शहीदों की याद में विशेष आयोजन होता है।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Tue, 26 Jul 2022 02:59 PM (IST)
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kargil war memorial कारगिल वार मेमोरियल में आकर आप युद्ध की सच्चाई से रूबरू होते हैं
आनलाइन डेस्क, हल्द्वानी : Kargil Vijay Diwas: यूं तो भारत-पाक में बंटवारे के बाद कई युद्ध हुए पर इनमें से सबसे खास है 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध। यह खास इसलिए है कि पाकिस्तान के धूर्त गैंग आफ फोर सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ, जनरल अजीज खान, महमूद अहमद और शाहिद अजीज ने एक फूल प्रूफ प्लान (अपनी समझ से) बनाया था, भारत से कश्मीर को हासिल करने का।

पर भारत के जांबाजों के सामने उन्हें मुंह की खानी पड़ी। कारगिल विजय दिवस के मौके पर हम आपको यहां बताने जा रहे हैं द्रास में बने कारगिल वार मेमोरियल के बारे में, जहां आकर आप कारगिल युद्ध की सच्चाई से रूबरू होते हैं...

लाल पत्थरों से बनी भारत के लालों की स्मारक 

भारतीय सेना के जाबांजों को श्रद्धांजलि देने व पाक सेना पर विजय (Kargil Vijay Diwas) को याद रखने के लिए लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास सेक्टर में सुर्ख लाल पत्थरों से कारगिल वार मेमोरियल को बनाया गया है।

हर साल 26 जुलाई को शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही यह पर्यटन स्थल के रूप में भी इसे विकसित किया गया है।

गर्मी के सीजन में काफी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इस मेमोरियल में पहुंचते ही रौंगटे खड़े व आंखें नम हो जाती हैं।

वार मेमोरियल के अंदर का नजारा

गेट के सीध में अमर जवान ज्योति है और काफी ऊंचा तिरंगा फहरता है। इसके बाईं ओर छोटे छोटे पत्थरों पर शहीदों के नाम उकेरी गई कतारबद्ध शिलाएं लगी हैं, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। इनमें से कई हैं जिन्होंने अपना 30वां वसंत भी नहीं देखा था। यहां पर आकर बहुत कम ही लोग हैं जो रोए न या आंखे नम न हों। 

यादों को संजोने के लिए गिफ्ट शॉप

मेमोरियल गेट के दाएं ओर एक गिफ्ट शाॅप है, जहां पर कारगिल युद्ध से जुड़ी प्रिंट की हुई टीशर्ट, कैप, काफी मग, पेन, की रिंग व पोस्टाकार्ड मिलते हैं। आप याद के लिए या फिर गिफ्ट के रूप में इन चीजों को खरीद सकते हैं।

अमिताभ बच्चन की आवाज में फिल्म

गिफ्ट शॉप के ठीक बगल एक छोटा सा आडिटोरियम है। इसमें कारगिल युद्ध को दर्शकों को 10 मिनट की मूवी के माध्यम से समझाया जाता है। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आवाज में पूरे युद्ध को शुरू से अंत तक नैरेट किया जाता है।

यहां आने वाले बच्चे इसे जरूर देखते हैं। अपनी सेना पर गर्व करने और कारगिल युद्ध (Kargil Vijay Diwas) को समझने के लिए अगर आप यहां आएं तो इसे जरूर देखें। 

साइबेरिया के बाद सबसे ठंडा क्षेत्र

द्रास श्रीनगर लेह हाईवे को जोड़ता है। लेह या श्रीनगर आने जाने वाले इससे होकर ही गुजरते हैं। यह साइबेरिया के बाद सर्वाधिक ठंडा रिहायशी इलाका है। सर्दी में औसतन यहां का तापमान -45 चला जाता है। वहीं, 1995 में सबसे कम -60 आंका गया था। इस लिहाज से साहसिक पर्यटन वाले लोगों के लिए भी यह एक रोमांचक जगह है।

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