coronavirus : फिजिकल डिस्टेंस जरूरी, नए कैदियों को 14 दिन तक आइसोलेशन बैरक में रखें
अगर कोई कैदी पूरी तरह स्वस्थ्य है तो उससे साथियों को दूरी बनाकर रखने की जरूरत नहीं है। जिस तरह लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं उसी तरह बैरक में भी कैदी साथ रहें।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 02 Apr 2020 07:41 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : अगर कोई कैदी पूरी तरह स्वस्थ्य है, तो उससे साथियों को दूरी बनाकर रखने की जरूरत नहीं है। जिस तरह लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं, उसी तरह बैरक में भी कैदी साथ रहें। बाहर से आने वाले नए कैदी को 15 दिन तक आइसोलेशन बैरक में रखा जाए। साथ ही यदि कोई कैदी बीमार पड़ता है तो उसे पृथक बैरक में रखकर पूरी तरह स्वस्थ्य होने तक अन्य कैदियों से दूर रखा जाए। ये जानकारी वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नीलांबर भट्ट ने कैदियों को कोरोना वायरस से जागरूक करते हुए दी।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नीलांबर भट्ट ने जेल रेडियो के माध्यम से कैदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण व अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव व रोकथाम के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि बैरक में सभी कैदी परिवार की तरह रहें। अगर कोई कैदी बीमार है तो साथी इसकी जानकारी जेल प्रशासन को दें। उसे अलग बैरक में रखकर उपचार कराया जाएगा। बाहर से मुलाकातियों के आने पर प्रतिबंध लगाना सही निर्णय है। जब तक बाहर से कोई सक्रमित व्यक्ति जेल में नहीं आएगा, कैदियों में इसके संक्रमण का खतरा बिल्कुल भी नहीं है। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने जेल प्रशासन व कैदियों की ओर से डॉ. भट्ट का जेल रेडियो पर आकर जागरूक करने के लिए आभार जताया।
कोरोना वायरस के लक्षण
डॉ. भट्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षण सर्दी-जुखाम, बुखार, गले में खरास, सीने में दर्द हैं। लेकिन ये लक्षण सामान्यतया मौसमी बुखार के भी होते हैं, जो दो से तीन दिन में सही हो जाता है। कोरोना वायरस की तीव्रता साधारण बीमारियों से काफी अधिक होती है। इस वायरस की चपेट में आने वाला व्यक्ति काफी तेजी गंभीर होता जाता है। सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। बुखार टूटता नहीं है और निमोनिया होने का अंदेशा अधिक रहता है। पहले से ही अन्य बीमारियों से ग्रसित व वृद्ध लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने पर जनहानि होने का खतरा बढ़ जाता है।
बिना भय के करें फसलों की कटाई
डॉ. भट्ट ने कहा कि गांवों में गेहूं की फसल कई स्थानों पर पककर तैयार हो चुकी है और कई जगह तैयार होने के अंतिम चरण में है। लोग निर्भय होकर फसलों की कटाई करें। अगर किसान गांव से बाहर नहीं जा रहे हैं और गांव में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं आ रहा है तो कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा बिल्कुल भी नहीं है।सामान्य सर्दी-जुखाम में नहीं होता कोरोना वायरल टेस्ट
डॉ. भट्ट ने कहा कि सामान्य सर्दी-जुखाम होने पर कोरोना वायरस टेस्ट नहीं होता है। ऐसे व्यक्तियों का ही कोरोना टेस्ट होता है जो विदेश से आकर बीमार पड़ा हो या विदेशी किसी व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद बीमार पड़ा हो। इसके अलावा सांस रोग की गंभीर समस्या, सर्दी-जुखाम से ग्रस्त होकर गंभीर पीड़ित व्यक्ति का भी कोरोना वायरस टेस्ट किया जा रहा है।खान-पान के साथ व्यायाम व योगा जरूरी
डॉ. भट्ट ने कहा कि स्वस्थ्य व्यक्ति की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक होती है। इसके लिए अच्छा खान-पान, व्यायाम व योगा करें। जेल के भीतर ही टहलें। अधिक से अधिक पानी पीएं और शौच जाने के बाद हाथ 20 सेकेंड तक साबुन से धोएं। पशुओं में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले अब तक सामने नहीं आए हैं।
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