नैनीताल जिले में कोसी नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा। पहाड़ी व मैदानी इलाकों में रही बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सात सौ आबादी वाले चुकुम गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। अब ऐसे में गांव में रहने वाले सभी परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, रामनगर (नैनीताल)। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित करीब सात सौ की आबादी वाले चुकुम गांव का संपर्क पूरी तरह कट गया है। अब ऐसे में ग्रामीणों के समक्ष खासी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। जलस्तर कम होने तक वह गांव में ही कैद होकर रह गए हैं।
कोसी नदी के खौफ से ग्रामीण सहमें हुए हैं। रात के समय में ग्रामीण ज्यादा खौफ में है।
रामनगर से 22 किलोमीटर दूर चुकुम गांव के लोग कोसी नदी के बीच से ही आते जाते हैं। दो दिन से हो रही बारिश से कोसी नदी में जलस्तर बढ़ गया है।
तेज बहाव के कारण बंद हुआ आवागमन
नदी का बहाव तेज होने की वजह से ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई है। पहले ग्रामीण बाढ़ आने पर 14 किलोमीटर कुनखेत के रास्ते चुकुम आते-जाते थे। जिसमें उन्हें सात किलोमीटर पैदल वन क्षेत्र से होकर आना जाना पड़ता था। इसमें भी कई हिंसक वन्य जीवों का खतरा हर समय बना रहता है। लेकिन इस बार मोहान के समीप पुल बहने से वह सुविधा भी खत्म हो गई।
अब ऐसे में ग्रामीण कहीं से भी सुलभ तरीके से आ जा नहीं सकते हैं।
गांव के राकेश कुमार ने बताया कि कुनखेत से गांव के लिए वन क्षेत्र के बीच से पैदल मार्ग भी पूरी तरह खराब है। जलस्तर कम होने के बाद ही आवाजाही सुचारु हो पाएगी। कुनखेत का पैदल मार्ग भी बेहद खराब स्थिति में है। गांव का शहर से पूरी तरह संपर्क कटने के बाद ग्रामीण चिंतित है। गांव में यदि किसी का स्वास्थ्य खराब हुआ तो अस्पताल नहीं लाया जा सकता है।
चुकुम गांव के हाईस्कूल व इंटर के बच्चे पढ़ने के लिए नदी पार मोहान राजकीय इंटर कालेज आते हैं। अब संपर्क कटने के बाद वह फिलहाल स्कूल नहीं आ पाएंगे।
गांव में रहते हैं आठ सै गांव
पूर्व प्रधान जसीराम ने बताया कि गांव में सात से आठ सौ लोग निवास करते हैं। वह नदी व जंगल के बीच में घिरे है।
वर्जन
चुकुम गांव का संपर्क कट गया है। नदी में पानी का जलस्तर काफी है। इसके अलावा कुनखेत का रास्ता भी पुल बहने से बंद हो चुका है।
एसडीएम रामनगर, राहुल शाह ने बताया-
गांव में तीन माह का सरकारी राशन पहले ही भेज दिया गया था। नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
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