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बारिश और बर्फ पड़ने के कारण लुढ़का तराई-भाबर का तापमान, गलन बढ़ी nainital news

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। गुरुवार को समूचे कुमाऊं में मौसम बदला रहा। वहीं शुक्रवार सुबह से धूप-छांव का खेल जारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 29 Nov 2019 11:08 AM (IST)
बारिश और बर्फ पड़ने के कारण लुढ़का तराई-भाबर का तापमान, गलन बढ़ी nainital news
हल्द्वानी, जेएनएन : पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां गुरुवार को समूचे कुमाऊं में मौसम बदला रहा, रह रहकर बारिश होती रही, वहीं शुक्रवार सुबह से धूप-छांव का खेल जारी है। बदले मौसम के कारण तापमान में गिरावट आ गई है। गलन बढ़ने से लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं।

हल्द्वानी में काले बादल घिरने से गुरुवार दोपहर में ही अंधेरा छा गया। हवाओं के साथ हल्की बारिश शुरू हो गई। दोपहर के बाद रिमझिम बारिश भी हुई। शाम के समय एक बार फिर घना अंधेरा छा गया। मैदानी इलाकों में बारिश व हिमालय की तरफ से आ रही बर्फीली हवाओं से तापमान में गिरावट आ गई। गुरुवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। बुधवार को अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विभाग ने शुक्रवार से पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पडऩे की संभावना जताई है।

मैदानी इलाकों में छाएगा कोहरा

बारिश के बाद ठंड में इजाफा होते ही कोहरा लोगों की मुसीबत बढ़ा सकता है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने शुक्रवार व शनिवार को तराई-भाबर में सुबह के समय कोहरा छाने का आसार जताया है। ऊधमसिंह नगर में कोहरे का असर अधिक रह सकता है।

अगले तीन दिन ठंड बढ़ाएगी ठिठुरन

पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और ओलावृष्टि से अगले दो-तीन दिन तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। गुरुवार को हल्द्वानी का न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा। 30 नवंबर तक यह सात से आठ डिग्री तक आने की संभावना है। मुक्तेश्वर में पारा शून्य डिग्री तक पहुंच सकता है। गुरुवार को मुक्तेश्वर का अधिकतम व न्यूनतम पारा क्रमश: 7 डिग्री व 6.2 डिग्री रहा।

रबी की फसलों के लिए फायदेमंद

बारिश को रबी की फसलों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. धनपत कुमार का कहना है कि इस समय गेहूं की बुआई हो चुकी है। बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जिससे गेहूं, जौ, मसूर, चना की बढ़वार अच्छी होगी। बारिश के बाद फसलों में खरपतवार तेजी से पनपेगा, किसानों को तत्काल उसे नष्ट कर देना चाहिए।

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