रीयल लाइफ हिरोइन लक्ष्मी ने यूएसनगर में एसिड की खुले में बिक्री के खिलाफ निकाला था मार्च
दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक एसिड अटैक झेलने वाली लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी और उनके संघर्षों पर बनी है। जो पिछले साल ऊधमसिंहनगर में अभियान चला चुकी हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 11 Jan 2020 08:30 AM (IST)
रुद्रपुर, जेएनएन : एसिड अटैक पीडि़तों पर बनी दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक इन दिनों चर्चा में है। चर्चा के दो कारण हैं-पहला फिल्म एसिड अटैक सर्वाइवल की बात करती है और दूसरी दीपिका पादुकोण के जेएनयू प्रकरण के बाद छात्रों के समर्थन में उनके जाने से मचे बवाल के कारण। बहरहाल आपको बता दें कि फिल्म एसिड अटैक झेलने वाली लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी और उनके संघर्षों पर बनी है। कोई दूसरी महिला एसिड अटैक को न भुगते इसके लिए वो अभियान भी चला चुकी हैं। इसी सिलसिले में वो पिछले दिनों वो ऊधमसिंहनगर जिले में पहुंची थीं। उन्होंने अपनी मुहिम को सफल बनाने के लिए वर्ष 2018 में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया।
दीपिका के जेएनयू के बादे बहसों में गुम हो गया मुद्दा मेघना गुलजाार के निर्देशन में बनी फिल्म छपाक दीपिका के जेएनयू में जाने के बाद से विवादों में आ गई। ट्विटर पर दीपिका पादुकोणा, छपाक बायककट, और स्टैंड विथ दीपिका जैसे हैशटैग टॉप ट्रेंड करने लगे। यह पूरा प्रकरण लेफ्ट राइट विंग में कनवर्ट हो गया। वहीं एक धड़े ने इसे प्रमाेशन से जोड़कर भी अपना रखा। इसको लेकर चर्चा पूरे देश में हुई। लेकिन जब दीपिका की फिल्म रिलीज हुई तो समीक्षकों का भरपूर समर्थन उन्हें मिला। एसिड अटैक सर्वाइवल और इसको लेकर संघर्ष करने वाली लक्ष्मी अग्रवाल भी चर्चा में आ गईं।
लक्ष्मी में एसिड के खिलाफ निकाला था जिले में मार्च
आपको बता दें कि 15 जुलाई 2018 को एसिड अटैक पीडि़ता लक्ष्मी अग्रवाल ने जिला मुख्यालय के भगत सिंह चौक से जागरूकता रैली निकाली। उनका कहना था कि एसिड की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। यदि ये बिके ही न तो तो महिलाओं के उसके दर्द से भी नहीं गुजरना पड़ेगा। उस समय लक्ष्मी अग्रवाल के साथ किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने भी एसिड बिक्री प्रतिबंधित करने के अभियान को समर्थन दिया था।
एसिड अटैक के पांच मामले आए सामने पुलिस आंकड़ों के मुताबिक ऊधमसिंहनगर जिले में वर्ष 2014 से अब तक एसिड अटैक के पांच मामले सामने आ चुके हैं। इसमें काशीपुर, गदरपुर, किच्छा, रुद्रपुर व जसपुर के चर्चित मामले शामिल हैं। 25 सितंबर 2014 को गदरपुर में घर में सोते समय युवती पर तेजाब फेंका गया था। 21 नवंबर 2019 में किच्छा पुलभट्टा में महिला पर तेजाब फेंका गया। साल 2017 में जसपुर की छात्रा पर भी एसिड अटैक हुआ।
एसिड की बिक्री पर लगाया जाए पतिप्रंध ईशू चंद्रा, निर्भया काउंसलर, ऊधमसिंह नगर का इस बारे में कहना है कि एसिड अटैक जैसे मामलों में निर्भया योजना से सहायता दी जा रही है। इस तरह के मामले पूरी मानवता पर हमला हैं। एसिड की खुलेआम बिक्री पर प्रतिबंध कड़ा करने की जरूरत है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में हिमपात ने तोड़ा रिकार्ड, कुमाऊं में सालों बाद इस कदर बर्फ से लकदक हुईं चोटियां
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