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प्रशासन ने एक हिस्सेदार के नाम पर कर दी बेशकीमती जमीन, भाई को नहीं लगी भनक

नैनीताल रोड पर गुलाबघाटी, रानीबाग में तीन हिस्सों में बंटी बेशकीमती जमीन गैरकानूनी तरीके से एक ही हिस्सेदार के नाम कर दी गई।

By Edited By: Updated: Fri, 14 Dec 2018 09:44 AM (IST)
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प्रशासन ने एक हिस्सेदार के नाम पर कर दी बेशकीमती जमीन, भाई को नहीं लगी भनक
हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल रोड पर गुलाबघाटी, रानीबाग में तीन हिस्सों में बंटी बेसकीमती जमीन के हिस्से को गैरकानूनी तरीके से तीसरे हिस्सेदार के नाम करने का मामला प्रकाश में आया है। इस आवंटन से प्रशासन की कार्यप्रणाली कठघरे में खड़ी हो गई है। यही नहीं तीसरे हिस्सेदार ने जमीन अपने नाम कराकर सौदा भी प्रॉपर्टी डीलर से कर दिया। प्रॉपटी डीलर जब कब्जा लेने पहुंचा तो उसके बड़े भाई को पूरी घटना का पता चला। इस पर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के साथ ही प्रशासन से भी दाखिल खारिज निरस्त करने की मांग उठाई। वहीं अब भी प्रशासन कार्रवाई के बजाय मामले में लीपापोती में जुट गया है।
चौघान पाटा गुलाबघाटी में चौधरी परिवार की पुस्तैनी 42.5 नाली लीज भूमि है। जुगल किशोर चौधरी ने बताया कि इस जमीन पर उनके अलावा चाचा हेम चंद्र चौधरी व छोटे भाई किच्छा निवासी मुकेश चौधरी का हिस्सा है। 30 मई 2012 को जुगल किशोर ने लीज भूमि सभी हिस्सेदारों के नाम आवंटित कर दाखिल खारिज कराने के लिए जिलाधिकारी को आवेदन किया। इसमें आधा हिस्सा चाचा व शेष हिस्से को बराबर दो भाइयों में बांटने की मांग की गई। इसके बाद से जुगल ने प्रशासन को कई पत्र लिखे, लेकिन प्रशासन की ओर से जवाब नहीं आया। बाद में तत्कालीन डीएम ने गोपनीय तरीके से 30 मई 2013 को जमीन के चौथाई हिस्से का मालिकाना हक मुकेश चौधरी के नाम करने के साथ ही विक्रय का अधिकार भी उसे दे दिया। सहमति दूर, इसकी जानकारी तक दो अन्य हिस्सेदारों को नहीं दी गई। इसमें आवंटित जमीन के हिस्से का भाग भी नहीं खोला गया।
कुछ समय बाद तत्कालीन एसडीएम ने भी आदेश जारी कर मुकेश के मनमाफिक हिस्से को उसके नाम दर्ज कराने का आदेश जारी कर दिया। इसकी भी जानकारी अन्य दोनों हिस्सेदारों को नहीं दी गई, जबकि जुगल किशोर के पत्रों के जवाब में प्रशासन ने जमीन शासनादेश स्पष्ट नहीं होने पर रोक लगाकर स्पष्ट आदेश आने पर जमीन आवंटन की कार्रवाई की जानकारी दी। वहीं मुकेश ने अपने हिस्से की जमीन प्रॉपर्टी डीलर को बेच दी। प्रॉपर्टी डीलर के कब्जा लेने आने पर मामला खुला तो जुगल किशोर हतप्रभ हो गए। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम का सहारा लेकर जानकारी मांगी तो पूरे खेल का पता चला। इस पर जुगल किशोर ने सिविल न्यायालय की शरण लेने के साथ ही तहसीलदार से फर्जी तरीके से हुए दाखिल खारिज को निरस्त करने की मांग की है। जबरन कब्जे की तैयारी में प्रॉपर्टी डीलर जुगल किशोर ने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर गैरकानूनी तरीके से नाम करायी गई जमीन को दबंगई के बल पर कब्जाने की तैयारी में जुट गया है।
प्रशासन व पुलिस भी न्यायसंगत कार्रवाई के बजाय प्रॉपर्टी डीलर के पक्ष में खड़े हैं। ऐसे में वह व उनकी पत्‍‌नी दहशत में हैं। उन्होंने बताया कि आए दिन संदिग्ध लोगों का जमीन पर आना-जाना लगा रहता है। घबराया दंपती अब पलायन करने के लिए मजबूर होने लगा है।
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