Apara Ekadashi 2021 : लक्ष्मी-नारायण की पूजा का है विधान, दान करने से आती है समृद्धि
Apara Ekadashi 2021 रविवार छह जून को अपरा एकादशी है। ज्येष्ठ माह के कृष्णपक्ष की अपरा एकादशी के दिन स्नान दान के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। जिससे जाने-अनजाने में हुए पापों का दोष नहीं लगता और संकट दूर होते हैं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Apara Ekadashi 2021 : रविवार छह जून को अपरा एकादशी है। ज्येष्ठ माह के कृष्णपक्ष की अपरा एकादशी के दिन स्नान, दान के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। जिससे जाने-अनजाने में हुए पापों का दोष नहीं लगता और संकट दूर होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने इस एकादशी के बारें में खुद बताया था। महाभारत में अपरा एकादशी व्रत का वर्णन मिलता है। श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र बेलवाल बताते हैं कि इस दिन सूरज उगने से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। कोरोना की वजह से तीर्थ स्थान नहीं जा सकते, ऐसे में पानी में गंगाजल की बूंदें मिलाकर स्नान करना चाहिए।
जरूरतमंदों का दान देने का संकल्प लें
नहाने के बाद पूजा की तैयारी करें। आसन पर बैठ बैठें। फिर पूरे दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु-लक्ष्मीजी की पूजा करते हुए श्रद्धा व सामथ्र्य के अनुसार जरूरतमंद लोगों को दान देने का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा शुरू करें। पूजा करने के बाद कथा सुनें।
फल व नैवेद्य का लगाए भोग
ऊं लक्ष्मी नारायणाय नम: मंत्र बोलते हुए भगवान की मूॢतयों को गंगाजल, दूध व पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद फिर चंदन, रोली, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, जनेऊ, फूल आदि चढ़ाएं। धूप-दीप अॢपत कर के मौसमी फल और नैवेद्य लगाकर आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
खत्म हो जाते हैं संकट और पाप
पद्म पुराण व महाभारत में बताया गया है कि एकादशी का व्रत करने से परेशानियां दूर हो जाती हैं। डा. बेलवाल बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु-लक्ष्मी जी की पूजा करने से लक्ष्मी स्थिर रहती हैं। इससे कभी धन की कमी नहीं आती और समृद्धि बढ़ती है। आस्था पूर्वक एकादशी का व्रत करना चाहिए।
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