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तेंदुआ नहीं तो जंगल में कौन आदमखोर खा गया महिला को, वन विभाग भी हैरान

अल्‍मोड़ा जिले में बीते सोमवार को तेंदुआ घर में खेल रहे एक बच्‍चे को घसीट ले गया था। मासूम का क्षत विक्षत शव जंगल में मिला था। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में थे।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 10 Jul 2020 10:48 AM (IST)
तेंदुआ नहीं तो जंगल में कौन आदमखोर खा गया महिला को, वन विभाग भी हैरान
अल्मोड़ा, जेएनएन : अल्‍मोड़ा जिले में बीते सोमवार को तेंदुआ घर में खेल रहे एक बच्‍चे को घसीट ले गया था। मासूम का क्षत विक्षत शव जंगल में मिला था। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में थे। वहीं वन विभाग भी अलर्ट मोड में था। बुधवार को उसी गांव के बगल की महिला का क्षत-विक्षत शव जंगल में मिलने से सनसनी फैल गई। लोगों का कहना है कि अगर महिला को उसी आदमखोर ने अपना शिकार बनाया है, जबकि वन विभाग का कहना है कि शव को तेंदुए ने नहीं खाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि तेंदुआ नहीं तो दूसरे कौन से आदमखोर ने दस्‍तक दे दी है। शव जिस विभत्‍स स्‍थि‍ति में बरामद हुआ है, उसे देख कर लोगों में दहशत का माहौल है। 

भैंसियाछाना ब्‍लॉक के पेटशाल गांव में बुजुर्ग महिला की मौत का राज गहरा गया है। बुधवार शाम पेटशाल गांव में आनंदी देवी (65) का क्षतविक्षत शव बरामद हुआ था। पूर्व प्रधान खजान पेटशाली व अन्य ग्रामीणों ने इसे तेंदुआ का हमला बताया है। आशंका जताई कि उडल गांव में मानवीय गतिविधियां बढ़ने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ यहां उतर आया। बुजुर्ग मंगलवार शाम से लापता थी। माना जा रहा था कि उसे तेंदुआ खींच कर ले गया होगा। इधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुआ के मारे जाने का प्रमाण नहीं मिला। वन विभाग के अनुसार किसी ने गुलदार को क्षेत्र में देखा भी नहीं। डीएफओ महातिम सिंह यादव ने कहा, इसे जंगली जानवरों का हमला बताया। चूंकि शरीर का अधिकांश हिस्सा गायब है, लिहाजा पंजे व दांत के निशान भी नहीं मिले। ऐसे में सवाल उठ रहा कि पहाड़ में ऐसा आदमखोर जंगली जानवर कौन है जो इतने वीभत्स तरीके से इंसान को मार सकता है। 

दो शिकारी, 15 तेज तर्रार वन करि्मयों ने डाला घेरा 

आदमखोर गुलदार पर काबू पाने के लिए पेटशाल से उडल तक रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अतिसंवेदनशील 10 वर्ग किमी के दायरे में कांबिंग तेज कर दी गई है। बिजनौर से पहुंचे शिकारी नवाब सैफी आशिफ व राजीव सोलोमणी के साथ तेज तररर विभागीय कर्मचारियों की तीन अलग अलग टीमें दिन भर खाक छानती रही। कॉरिडोर व आसपास गुलदार के पदचिह्न तलाशने में बारिश रोड़ा भी बन रही। आदमखोर की घेराबंदी को हालांकि दो स्थानों पर कैमरा ट्रैप के जरिये नजर भी रखी जा रही। 

मासूम को भी शिकार बना चुका है तेंदुआ 

बीती सोमवार की शाम डूंगरी ग्रामसभा (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल गांव में गुलदार डेढ़ वर्ष के मासूम को उठा ले गया था। घर से करीब ढाई सौ मीटर की दूरी पर जंगल में झाडि़यों के बीच उसका शव बरामद हुआ। मंगलवार शाम वन संरक्षक (कुमाऊं) प्रवीण कुमार व डीएफओ महातिम सिंह यादव की सिफारिश पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने मानव जीवन के लिए खतरा मानते हुए गुलदार को नष्ट करने की अनुमति दे दी थी। बीती बुधवार देर शाम बिनौर से पहुंचे शिकारी सैफी व राजीव ने उडल गांव में मोचर ले लिया। गुरुवार को बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के आशुतोष जोशी, वन क्षेत्राधिकारी संचिता वमर के साथ ही चौबटिया रेंजर ने पांच तेज तररर करि्मयों की तीन अलग अलग टीमें गठित कर तीन दिशाओं से गश्त तेज कर दी। 

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