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दो बच्‍चों और एक महिला के बाद तेंदुए ने अब बुजुर्ग को बनाया शिकार, गम और गुस्‍से में लोग

कुमाऊं में दो बच्‍चों और एक महिला को शिकार बनाने के बाद अब तेंदुए ने एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है। अल्‍मोड़ा जिले की इस घटना से लोगों में गम और गुस्‍से का माहौल है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 09 Oct 2019 07:17 PM (IST)
दो बच्‍चों और एक महिला के बाद तेंदुए ने अब बुजुर्ग को बनाया शिकार, गम और गुस्‍से में लोग
धौलछीना (अल्मोड़ा) जेएनएन : कुमाऊं में दो बच्‍चों और एक महिला को शिकार बनाने के बाद अब तेंदुए ने एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है। अल्‍मोड़ा जिले की इस घटना से लोगों में गम और गुस्‍से का माहौल है। उन्‍होंने तेंदुआ को आदमखोर घोषित कर तत्‍काल मारने की मांग की है। पिछले कुछ दिनों में तेंदुओं के बढ़ते हमले ने तमाम तरह के सवाल पैदा किए हैं।

मंगलवार की शाम करीब सात बजे अल्‍मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्‍लॉक के डूंगरी गांव निवासी रमेश राम (62) करीब सात बजे पेटशाल से अपने घर को लौट रहे थे। तभी रास्ते में उड़ल तोक के पास घात लगाकर बैठे तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया और उसे अपना शिकार बना लिया। रात भर रमेश राम घर नहीं पहुंचें तो गांव के लोगों ने खोजबीन करते हुए निकले। कुछ दूर जाकर उन्‍हें रमेश राम का क्षत-विक्षत शव रास्ते में पड़ा मिला। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। आनन-फानन में वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए अल्मोड़ा मोर्चरी भेजा गया। बताया जा रहा है कि मृतक पेटशाल में दुकान चलाकर अपने परिवार को पालन पोषण करता था और तीन बेटे भी मेहनत मजदूरी कर जैसे तैसे अपनी आजीविका चलाते थे।

विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान और पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने भी मौके पर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी। संचिता वर्मा, वन क्षेत्राधिकारी, अल्मोड़ा ने बताया कि भैंसियाछाना ब्लॉक के डूंगरी में तेंदुआ ने एक वृद्ध को अपना शिकार बनाया है। मौके पर विभाग की टीम पहुंची थी। फिलहाल मृतक के परिजनों का फौरी तौर पर पचास हजार रुपये की धनराशि दी गई है। घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।

डेढ़ साल में चार लोगों को बनाया शिकार

भैंसियाछाना ब्‍लॉक के डूंगरी गांव में गुलदार के हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष से अब तक गुलदार इस क्षेत्र में चार लोगों को अपना शिकार बना चुका है। डूंगरी गांव में ही पिछले वर्ष दीपक कुमार, कुंजबरगल में कमला देवी, चनौली में शंकर राम और अब फिर डूंगरी में रमेश राम को गुलदार अपना शिकार बना चुका है। सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र बोरा ने बताया कि गुलदार दिन दहाड़े आबादी वाले इलाकों में दिखाई देता है, लेकिन चार घटनाओं के सामने आने के बाद भी वन विभाग ने गुलदारों को आदमखोर घोषित कर पकडऩे या मारने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

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