घंटों पानी की टंकी पर शिकार के लिए बैठा रहा तेंदुआ, घरों में कैद हुए ग्रामीण nainital news
बागेश्वर के द्यांगण गांव में ग्रामीण के आंगन पर बनी पानी की टंकी पर तेंदुआ बैठा दिखने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:29 PM (IST)
बागेश्वर, जेएनएन : बागेश्वर के द्यांगण गांव में ग्रामीण के आंगन पर बनी पानी की टंकी पर तेंदुआ बैठा दिखने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना कर और पिंजरा शिफ्ट करने का भी निर्णय लिया है। गुलदार के भय से महिलाएं और बच्चे घंटों घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।
शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे शहर से करीब दो किमी दूर द्यांगण गांव निवासी पूरन सिंह कठायत के घर के आंगन में बनी टंकी पर तेंदुआ बैठा दिखा। उनकी पत्नी दीपा देवी दरवाजा खोलकर बाहर आ रही थी और जैसे ही टार्च की रोशनी तेंदुए पर पड़ी उसने झपटने की कोशिश की। शुक्ररहा तब तक उन्होंने दरवाजा बंद लिया था और बड़ी घटना होते-होते बच गई। फोन से आसपास के लोगों को सूचना दी और पटाखे भी फोड़े, लेकिन गुलदार आंगन में ही घंटों डटा रहा। उनके छोटे-छोटे बच्चे और पालतू जानवर इस दौरान कमरों में कैद होकर रह गए हैं। स्कूली बच्चे भी सड़क तक जाने से कतरा रहे हैं। वन विभाग ने गुलदार को पकडऩे के लिए पिंजड़ा लगाया है, लेकिन अभी तक वह कैद नहीं हो सका है।
गत दिवस पूरन राम और मोहन राम के मकान की छत और आंगन में भी गुलदार देखा गया, जिससे दहशत में आए गांव के लोगों ने वन विभाग से सुरक्षा की मांग की है। मालूम हो गत वर्ष गांव के सुंदर सिंह के बेटे को गुलदार ने निवाला बना दिया था, तब से पूरे गांव के लोग भयभीत हैं।
आतंक का पर्याय बने गुलदार को पकड़ेंवन पंचायत सरपंच पूरन रावत, दर्शन कठायत, दीपक रावल, रमेश चंद्र जोशी, जगदीश पांडे, कैलाश कांडपाल, प्रताप सिंह रावल, हंसी देवी, कुंदन सिंह ने बताया कि गांव तेंदुए का घर बना हुआ है। वह करीब तीन महीने से गांव में है। मवेशियों को मार रहा है। वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने तत्काल उसे पकड़ने की मांग की।
वन विभाग की टीम करेगी गश्त, ग्रामीण सचेत रहेंएनडी पांडे, आरओ, बागेश्वर ने बताया कि वन विभाग की टीम को गांव भेजा जा रहा है। पिंजड़ा दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। लोग गुलदार से सावधानी बरतें। वन विभाग की टीम भी गश्त करेगी।यह भी पढ़ें : इंसानों को अपना शिकार बनाने वाले बाघों को अब आदमखोर नहीं, खतरनाक कहा जाएगा बाघ
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