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कर्ज चुकाने और बीमे की राशि के लिए रेत दिया था पत्‍नी का गला, दो को आजीवन कारावास nainital news

यायालय ने महिला की हत्या के मामले में उसके पति समेत दो लोगों को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 22 Dec 2019 09:00 AM (IST)
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कर्ज चुकाने और बीमे की राशि के लिए रेत दिया था पत्‍नी का गला, दो को आजीवन कारावास nainital news
काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) जेएनएन : कर्ज चुकाने और बीमे की रकम की लालच में पति ने अपनी पत्‍नी की ही गला रेतकर हत्‍याकर दी थी। न्यायालय ने महिला की हत्या के मामले में उसके पति समेत दो लोगों को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

ससुर ने दर्ज कराया था मुकदमा

17 मई 2017 को काशीपुर चकरपुर, मुडिय़ा पिस्तौर कला बाजपुर निवासी सुरेश यादव की पत्नी गीता (28) की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। गीता के पिता महेन्द्र यादव ने बाजपुर कोतवाली में गीता के पति सुरेश यादव पुत्र स्व. रामप्रसाद निवासी ग्राम टांडा बादली, थाना टांडा रामपुर उप्र, व उसके साथी अजीत पुत्र राजेश निवासी चकरपुर, मुडिय़ा पिस्तौर कला के खिलाफ पैसे के लालच में पुत्री की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। महेन्द्र ने बाजपुर कोतवाली में दी तहरीर में कहा था कि उसके दामाद सुरेश व अजीत ने पूर्व नियोजित तरीके से उसकी पुत्री गीता की धारदार हथियार से हत्या कर दी। उसकी पुत्री गीता का विवाह 12 वर्ष पूर्व अभियुक्त सुरेश से हुुआ था उसके दो बच्चे हैं।

ज्‍वाइंट एकाउंट से 12 लाख का लिया था कर्ज

पति पत्नी का इंडियन ओवरसीज बैंक में संयुक्त खाता था। इस खाते पर मकान बनाने के लिए 12 लाख का बैंक से ऋण लिया था। गीता के नाम पचास लाख की पॉलिसी के अलावा अन्य पॉलीसियां भी थीं। 17 मई 2017 को उसके पुत्र जितेंद्र की सूचना पर वे घटनास्थल पर गए तो देखा कि गीता का शव जमीन पर पड़ा है। वहां पानी और खून बह रहा है। कुछ लोगों ने करीब एक बजे सुरेश और अजीत को घर से पीछे जाते देखा।

पीएम रिपोर्ट में स्‍पष्‍ट हुआ मौत का कारण

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में आई गहरी चोट के कारण अधिक खून बहने से उसकी मौत होना पाया गया था। कुछ दिन बाद पुलिस ने सुरेश और अजीत को गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वितीय सत्र न्यायाधीश ओम कुमार ने अभियुक्त सुरेश व अजीत को धारा 302 में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं धारा 201 में दोनों को तीन-तीन साल का कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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