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शराब की दुकानों से कोरोना संक्रमण की आशंका, सत्‍तापक्ष के लोग भी सरकार के फैसले से नाखुश

रामनगर में शराब की दुकानें खुलने को लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। विपक्ष के साथ सत्‍तापक्ष से जुड़े लोग भी सरकार के फैसले पर हैरानी जता रहे हैं।

By Edited By: Updated: Thu, 07 May 2020 08:13 AM (IST)
शराब की दुकानों से कोरोना संक्रमण की आशंका, सत्‍तापक्ष के लोग भी सरकार के फैसले से नाखुश
रामनगर, जेएनएन: क्षेत्र में शराब की दुकानें खुलने को लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। नगर में सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं की दबी जुबान से नाराजगी के बाद अब यूथ काग्रेसियों ने भी शराब की दुकानें खोलने पर तीव्र विरोध जताया है। बुधवार को ज्येष्ठ उपप्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को तहसीलदार पूनम पंत के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना के कहर से लोगों में डर का माहौल है। संक्रमण रोकने के लिए देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है। होटल, मॉल समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान व यातायात को पूरी तरह से बंद करने के आदेश है। इधर दो दिन पूर्व शराब की दुकानें खोलने के आदेश हुए है। शराब खरीदते वक्त शराब की दुकानों पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। शराब की दुकानों में अव्यवस्था का माहौल बना है। ऐसे में शराब की दुकानों की वजह से कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। लिहाजा लॉकडाउन तक प्रदेश में शराब की दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस दौरान यूथ काग्रेस के विस क्षेत्र गोपाल अधिकारी, राहुल डगवाल, महावीर रावत, किशोर चंद, भारत भट्ट, गोधन फत्र्याल, प्रकाश चंद आदि मौजूद रहे।

शराब बिक्री के विरोध में मौन उपवास का फैसला

रामनगर क्षेत्र में शराब की दुकानें खोले जाने पर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले को प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लेने पर लोगों ने मौन उपवास करने का निर्णय लिया है। सोमवार को प्रशासन के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अति आवश्यक सेवाओं को ईवन व ऑड के दायरे में लाया जाएगा लेकिन शराब की दुकानें रोज खुल रही हैं। जबकि अन्य दुकानें एक दिन छोड़कर खोली जा रही है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी व देवभूमि विकास मंच के संयोजक मनमोहन अग्रवाल ने शराब की दुकानों को छूट देने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने मंगलवार को प्रशासन से पूछा था कि शराब की दुकानों को रोजाना खोलने की छूट किस मापदंड के तहत दी जा रही है लेकिन संतोषजनक जवाब प्रशासन से नहीं मिल पाया। इस संबंध में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने एसडीएम व कोतवाल को बुधवार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गाय कि प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ गुरुवार को तहसील में मौन उपवास किया जाएगा। टैक्स बार एसोसिएशन के संरक्षक अधिवक्ता पूरन चंद्र पाडे ने भी शराब की दुकानें रोज खोलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने शराब की दुकानों को रोजाना खोलने की छूट न देने की माग की है।

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