जिसे ट्रक समझा वो स्कूटी और बाइक निकली, जानिए कैसे चल रहा है खेल
नंधौर में नए पंजीकृत वाहनों के नंबरों को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल, उकरौली गेट पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए लॉटरी सिस्टम अपनाया गया था।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:06 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : नंधौर में नए पंजीकृत वाहनों के नंबरों को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल, उकरौली गेट पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए लॉटरी सिस्टम अपनाया गया था। यह प्रक्रिया संपन्न होने के बाद जिन वाहनों को फाइनल किया गया, परिवहन विभाग के ऑनलाइन एप पर चेक करने पर उनमें से दस गाडि़यां भार वाहन की जगह दोपहिया के रूप में दर्ज हैं। इससे लॉटरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। परिवहन विभाग की ओर से कागजों को सत्यापित करने के बाद ही पूरी स्थिति साफ होगी।
नंधौर में पिछले एक साल से चल रही नया गेट खोलने की कवायद अब जाकर खत्म हुई है। राजस्व जमीन पर उकरौली नामक जगह पर नया गेट स्थापित किया गया है। यह स्थान सितारगंज तहसील में होने के कारण ऊधमसिंह नगर जिला खनन समिति के पास रजिस्ट्रेशन का जिम्मा था। दिसंबर 2018 की शुरुआत में वाहन पंजीकरण को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हुई। आवेदकों की संख्या ज्यादा होने पर प्रशासन ने लॉटरी प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया। दस जनवरी को रुद्रपुर कलेक्ट्रेट में कंप्यूटर से लॉटरी निकाल 600 वाहनों की वन निगम ने बकायदा सूची जारी की। इस लिस्ट में वाहन का मॉडल, मालिक का नाम व गाड़ी का नंबर अंकित था। वहीं, लिस्ट को परिवहन विभाग के ऑनलाइन एप पर क्रॉस चेक करने पर दस वाहन ट्रक-ट्रैक्टर की जगह बाइक-स्कूटी और कार निकले। एप के मुताबिक सूची में शामिल कई वाहन पंजीकृत तक नहीं है।
नंधौर में पिछले एक साल से चल रही नया गेट खोलने की कवायद अब जाकर खत्म हुई है। राजस्व जमीन पर उकरौली नामक जगह पर नया गेट स्थापित किया गया है। यह स्थान सितारगंज तहसील में होने के कारण ऊधमसिंह नगर जिला खनन समिति के पास रजिस्ट्रेशन का जिम्मा था। दिसंबर 2018 की शुरुआत में वाहन पंजीकरण को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हुई। आवेदकों की संख्या ज्यादा होने पर प्रशासन ने लॉटरी प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया। दस जनवरी को रुद्रपुर कलेक्ट्रेट में कंप्यूटर से लॉटरी निकाल 600 वाहनों की वन निगम ने बकायदा सूची जारी की। इस लिस्ट में वाहन का मॉडल, मालिक का नाम व गाड़ी का नंबर अंकित था। वहीं, लिस्ट को परिवहन विभाग के ऑनलाइन एप पर क्रॉस चेक करने पर दस वाहन ट्रक-ट्रैक्टर की जगह बाइक-स्कूटी और कार निकले। एप के मुताबिक सूची में शामिल कई वाहन पंजीकृत तक नहीं है।
एप के मुताबिक लिस्ट में दर्ज वाहनों के मॉडल
नंबर लिस्ट में एप में
यूपी 25 एए 2156 ट्रैक्टर दोपहिया
यूके 06 एजी 3296 ट्रैक्टर दोपहिया
यूके 06 एएच 6157 ट्रैक्टर नो डिटेल
यूके 06 सीबी 0988 ट्रैक्टर ट्रेलरयूके 06 एडी 7191 टै्रक्टर दोपहिया
यूके 05 ए 1202 ट्रक दोपहियायूके 06 एफ 0512 ट्रैक्टर नो डिटेल
यूके 06 एक्यू 3356 ट्रैक्टर कारयूए 06 जी 8999 ट्रक दोपहिया
यूके 06 एच 7372 ट्रैक्टर नो डिटेलयूके 06 एई 1385 ट्रैक्टर दोपहिया
यूके 06 एटी 1184 ट्रैक्टर दोपहियायूके 06 एबी 9274 टै्रक्टर दोपहिया
यूके 04 सीबी 6456 ट्रक नो डिटेलयूके 04 एपी 6220 ट्रैक्टर नो डिटेलयूके 06 एफ 9771 ट्रैक्टर नो डिटेल2681 आवेदन मिले थे
उकरौली गेट पर अधिकतम 600 वाहन निकासी कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया शुरू होने पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। शुरू में गेट पर आवेदन जमा करने का निर्णय लिया गया था, पर सितारगंज के लोगों ने कोटा बढ़ाने की मांग को लेकर गेट जाम कर दिया। वन निगम के कर्मियों को घुसने तक नहीं दिया। जिसके बाद डीएफओ, डीएलएम, रेंज कार्यालय में आवेदन जमा हुए। कुल 2681 आवेदनों में से 600 छांटे गए।पिछली बार 300 फर्जी वाहन पकड़े थे
नंधौर में वाहनों का फर्जीवाड़ा पिछले साल भी सामने आया था। नदी में चल रही गाडिय़ों की सूची वन निगम ने सत्यापित करने के लिए परिवहन विभाग को भेजी। जांच में 300 वाहन फर्जी तरीके से चलते पाए गए। उस समय दैनिक जागरण ने मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए थे।मुख्यमंत्री के सचिव से शिकायत
मामले में गौलापार निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला को शिकायती मेल आइडी पर दस्तोवज भेज मामले की जांच करने की मांग की है। जोशी ने कहा कि लॉटरी प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम से की गई है। जबकि शराब की दुकानों की नीलामी पर्ची सिस्टम से होती है। आरोप है कि नैनीताल जिले में रजिस्टर्ड वाहनों को ऊधमसिंह नगर में आरक्षित किया गया है। जोशी ने कहा कि रद कर प्रक्रिया फिर से शुरू होनी चाहिए। सुनवाई नहीं होने पर न्यायपालिका की मदद ली जाएगी।एनआइसी के सॉफ्टवेयर
वन निगम के मुताबिक नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर एनआइसी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर की मदद से ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई। बकायदा आवेदन करने वाले वाहन स्वामियों की पहले सहमति ली गई थी।सत्यापित करवाए जाएंगे कागजात
प्रेम सिंह बोरा, डीएलएम ने बताया कि जिन वाहनों को लॉटरी प्रक्रिया के जरिये छांटा गया है, उनके कागज अब परिवहन विभाग की ओर से सत्यापित करवाए जाएंगे। आज से पंजीकरण फार्म दिए जाएंगे। अगर आरटीओ की सूची में कोई भी वाहन गलत निकला तो उसका पंजीकरण नहीं होगा। नए रजिस्ट्रेशन को लेकर पूर्ण पारदर्शिता बरती जाएगी।सूची बनाने में त्रुटि हो सकती है
अधिकारियों का कहना है कि सूची तैयार करते वक्त कुछ नंबर आगे पीछे होने की वजह से गलत अपडेट हो सकता है। हालांकि आरटीओ की जांच के बाद हकीकत सामने आएगी।यह भी पढ़ें : जरायम की दुनिया में नाबालिग कदम, जा रहे नशे की गिरफ्त में
यह भी पढ़ें : बीसीसीआइ की मान्यता ने खोली युवाओं के लिए राह, इनका दिखा जलवा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उकरौली गेट पर अधिकतम 600 वाहन निकासी कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया शुरू होने पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। शुरू में गेट पर आवेदन जमा करने का निर्णय लिया गया था, पर सितारगंज के लोगों ने कोटा बढ़ाने की मांग को लेकर गेट जाम कर दिया। वन निगम के कर्मियों को घुसने तक नहीं दिया। जिसके बाद डीएफओ, डीएलएम, रेंज कार्यालय में आवेदन जमा हुए। कुल 2681 आवेदनों में से 600 छांटे गए।पिछली बार 300 फर्जी वाहन पकड़े थे
नंधौर में वाहनों का फर्जीवाड़ा पिछले साल भी सामने आया था। नदी में चल रही गाडिय़ों की सूची वन निगम ने सत्यापित करने के लिए परिवहन विभाग को भेजी। जांच में 300 वाहन फर्जी तरीके से चलते पाए गए। उस समय दैनिक जागरण ने मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए थे।मुख्यमंत्री के सचिव से शिकायत
मामले में गौलापार निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला को शिकायती मेल आइडी पर दस्तोवज भेज मामले की जांच करने की मांग की है। जोशी ने कहा कि लॉटरी प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम से की गई है। जबकि शराब की दुकानों की नीलामी पर्ची सिस्टम से होती है। आरोप है कि नैनीताल जिले में रजिस्टर्ड वाहनों को ऊधमसिंह नगर में आरक्षित किया गया है। जोशी ने कहा कि रद कर प्रक्रिया फिर से शुरू होनी चाहिए। सुनवाई नहीं होने पर न्यायपालिका की मदद ली जाएगी।एनआइसी के सॉफ्टवेयर
वन निगम के मुताबिक नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर एनआइसी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर की मदद से ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई। बकायदा आवेदन करने वाले वाहन स्वामियों की पहले सहमति ली गई थी।सत्यापित करवाए जाएंगे कागजात
प्रेम सिंह बोरा, डीएलएम ने बताया कि जिन वाहनों को लॉटरी प्रक्रिया के जरिये छांटा गया है, उनके कागज अब परिवहन विभाग की ओर से सत्यापित करवाए जाएंगे। आज से पंजीकरण फार्म दिए जाएंगे। अगर आरटीओ की सूची में कोई भी वाहन गलत निकला तो उसका पंजीकरण नहीं होगा। नए रजिस्ट्रेशन को लेकर पूर्ण पारदर्शिता बरती जाएगी।सूची बनाने में त्रुटि हो सकती है
अधिकारियों का कहना है कि सूची तैयार करते वक्त कुछ नंबर आगे पीछे होने की वजह से गलत अपडेट हो सकता है। हालांकि आरटीओ की जांच के बाद हकीकत सामने आएगी।यह भी पढ़ें : जरायम की दुनिया में नाबालिग कदम, जा रहे नशे की गिरफ्त में
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