Locust party attack in Kumaon : नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से वार कर रहा टिड्डी दल
Locust party attack in Kumaon कुमाऊं में टिड्डी दल नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से हमला कर रहा है। चंपावत और ऊधमसिंहनगर के किसानों की नींद उड़़ी़ है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 19 Jul 2020 08:17 AM (IST)
रुद्रपुर/चम्पावत, जेएनएन : Locust party attack in Kumaon : उत्तराखंड के कुमाऊं में टिड्डी दल नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से वार कर रहा है। चम्पावत जिले में तो शनिवार को भी नेपाल सीमा पर टिड्डी दल उड़ता दिखा, वहीं ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा, सितारगंज में उप्र के पीलीभीत जिले की ओर से तो खटीमा में नेपाल की ओर से दल ने प्रवेश किया। इसी तरह रामपुर जिले में दल दिखने से बाजपुर क्षेत्र के किसानों की नींद उड़ गई है। टिड्डी दल सक्रिय हुआ तो ऊधमसिंह नगर जिले की करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि कृषि विभाग इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का कर रहा है।
ऊधमसिंह नगर जिले में शनिवार को खटीमा क्षेत्र में टिड्डी का एक दल शुक्रवार रात से नेपाल के महेंद्रनगर में रुका होने की सूचना है। सहायक कृषि अधिकारी विजय पांडे ने बताया कि शुक्रवार को टिड्डी का दल सुनपहर से होते हुए सितारगंज चल गया। जबकि दूसरा टिड्डी दल शुक्रवार रात से ही नेपाल के महेंद्रनगर के बंद हो चुके एयरपोर्ट के पास है। इस नाते छिड़काव और उनको हो-हल्ला कर भगाने की पूरी व्यवस्था है।
किच्छा क्षेत्र के सैंजना और दरऊ में शनिवार को टिड्डी दल होने की सूचना पर अग्निशमन वाहनों से दवा का छिड़काव किया गया। वीरुनगला में किसानों ने तरह-तरह से शोर मचाया। सैंजना व दरऊ के साथ ही गिद्धपुरी गांव में गन्ने व चरी की फसल पर दल के होने की सूचना पाते ही कृषि विभाग व राजस्व विभाग की टीमें पहुंचीं। एसडीएम विवेक प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने दवा का छिड़काव शुरु कराया।
यूएस नगर में 28 टीमें गठित टिड्डी दल के प्रकोप से धान, मक्का व सब्जियों आदि को बचाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर टीमें गठित की गई हैं। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने बताया कि जिले में 28 टीमों का गठन किया गया है। जो अपने क्षेत्र में टिड्डियों की स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं। छिड़काव की पूरी व्यवस्था है।
डेढ़ लाख हेक्टेयर की चिंता
टिड्डियों के हमले से प्रमुख फसल धान व बागवानी को खतरा होने की संभावना है। टिड्डी दल जिस फसल पर बैठता है। उसे चट कर जाता है। जिले में हो रहीं प्रमुख फसलों में एक लाख तीन हजार हेक्टेयर में धान, करीब 27 हजार हेक्टेयर गन्ना, करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर चरी, दो हजार हेक्टेअर मक्का, चार हजार हेक्टेयर में आम, अमरूद, लीची, पापुलर आदि के बागान, करीब ढाई हजार हेक्टयर में विभिन्न सब्जियां हैं। जिन्हें टिड्डी दल से खतरा है। इस तरह कुल करीब डेढ़ लाख हेक्टेअर को बचाने की जद्दोजहद की जा रही है।
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