सीतावनी जोन से बीते वित्तीय वर्ष में सरकार को 1.47 करोड़ रुपये के राजस्व का हुआ नुकसान
कॉर्बेट पार्क के बाद प्रसिद्घ पर्यटन जोन सीतावनी में बीते वित्तीय वर्ष में सरकार को 1.47 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 04 Apr 2019 11:39 AM (IST)
रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट पार्क के बाद प्रसिद्ध पर्यटन जोन सीतावनी में बीते वित्तीय वर्ष में सरकार को 1.47 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। पूर्व के वित्तीय वर्ष में 2.90 करोड़ रुपये का राजस्व वन विभाग से सरकार को मिला था।
कॉर्बेट के बाद रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सीतावनी पर्यटन जोन में सबसे अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। साल के पेड़ों से आच्छादित इस जंगल में बाघ, हाथी, भालू, गुलदार, चीतल, सांभर, सरीसृप के अलावा विभिन्न प्रजाति के पक्षियों का बसेरा है। वन विभाग से मिले वर्ष 2018-19 के वित्तीय वर्ष के आंकड़ों पर गौर करे तो पर्यटक कम होने से इसका नुकसान सरकार के राजस्व पर पड़ा है। कुल 91,821 पर्यटकों में से 91536 व 285 विदेशी पर्यटक सीतावनी आए। इन पर्यटकों से वन विभाग को 1.43 करोड़ रुपये मिला। जबकि वर्ष 2017-18 के वित्तीय वर्ष में 2,10224 पर्यटकों से 2.90 करोड़ रुपये का राजस्व वन विभाग को मिला था।ये रही राजस्व कम होने की वजह
वन विभाग के कम हुए राजस्व के पीछे वजह जिप्सियों की सीमित संख्या होना भी रहा है। क्योंकि हाई कोर्ट ने सीतावनी में दस-दस जिप्सियों की संख्या तय कर दी थी। अब यह संख्या सुबह व शाम सौ-सौ हुई है। जबकि पूर्व में असीमित जिप्सियां पर्यटकों को घुमाती थी। इसके अलावा बरसात में एक जुलाई से नवंबर तक सीतावनी मानसून सीजन की वजह से बंद था।
यह तय है शुल्क
सीतावनी जोन में घूमने के लिए विभाग ने शुल्क तय किया हुआ है। सीतावनी के लिए प्रति पर्यटक सौ रुपये व जिप्सी का किराया ढाई सौ रुपये जमा किया जाता है।
वर्ष भारतीय विदेशी पर्यटक राजस्व2013-14 27386 204 27590 4212600
2014-15 43159 287 43446 97638752015-16 29084 218 29302 8206100
2016-17 66339 365 66704 105148952017-18 209621 603 210224 29054550
2018-19 91536 285 91821 14332505राजस्व की समीक्षा की जाएगी
बीपी सिंह, डीएफओ रामनगर वन प्रभाग ने इस बारे में कहा कि जंगल व वन्य जीवों की सुरक्षा पहले है। राजस्व की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। यह भी पढ़ें : रामनगर में आधी रात तक इंदिरा गांधी को सुनने के लिए जमे हुए थे लोग, जानिए पूरा किस्सा
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