हर 20 दिन में वन विभाग का कर्मचारी माफिया के हमले का हो रहा शिकार, काम करना मुश्किल
वन विभाग में तैनात फील्ड कर्मियों के लिए काम करना चुनौती बन चुका है। वजह है लगातार माफिया के हमले होना।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 29 Apr 2019 02:03 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : वन विभाग में तैनात फील्ड कर्मियों के लिए काम करना चुनौती बन चुका है। वजह है लगातार माफिया के हमले होना। पिछली घटनाओं का औसत निकालें तो हर 20 दिन में वन विभाग का एक जवान माफिया के हमले का शिकार हो रहा है। वहीं, अधिकारियों के खास सहयोग नहीं देने की वजह से इनका मनोबल भी टूट रहा है। जबकि राजनीतिक संरक्षण पा चुके हमलावरों के हौसले लगातार बुलंद हैं।
वन सपंदा व वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा फॉरेस्ट कर्मियों के कंधों पर है। हल्द्वानी व आसपास वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े मामले बेहद कम हैं, लेकिन वन संपदा खासकर रेत-बजरी को लेकर विवाद लगातार सामने आता है। उपखनिज चोरी करने वाले माफिया मौका पाते ही गश्ती दल पर हमला करने से नहीं चूक रहे। सबसे ज्यादा दिक्कत बिंदुखत्ता क्षेत्र में है। वहां हर 15-20 दिन में वनकर्मियों को हंगामे का शिकार होना पड़ता है। वहीं, फॉरेस्ट एक्ट के तहत ज्यादा पावर नहीं होने से मामला पुलिस के पास पहुंचता है। जहां पीटने के बावजूद कई बार क्रॉस मुकदमे की नौबत आ जाती है। मजबूरी में वनकर्मियों को समझौता तक करना पड़ता है। दबी जुबान से ही सही, वनकर्मी लगातार कह रहे हैं कि ऐसे मामलों में अफसरों को पुलिस के बड़े अधिकारियों से वार्ता करनी चाहिए। ताकि संयुक्त रणनीति के तहत इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
वन सपंदा व वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा फॉरेस्ट कर्मियों के कंधों पर है। हल्द्वानी व आसपास वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े मामले बेहद कम हैं, लेकिन वन संपदा खासकर रेत-बजरी को लेकर विवाद लगातार सामने आता है। उपखनिज चोरी करने वाले माफिया मौका पाते ही गश्ती दल पर हमला करने से नहीं चूक रहे। सबसे ज्यादा दिक्कत बिंदुखत्ता क्षेत्र में है। वहां हर 15-20 दिन में वनकर्मियों को हंगामे का शिकार होना पड़ता है। वहीं, फॉरेस्ट एक्ट के तहत ज्यादा पावर नहीं होने से मामला पुलिस के पास पहुंचता है। जहां पीटने के बावजूद कई बार क्रॉस मुकदमे की नौबत आ जाती है। मजबूरी में वनकर्मियों को समझौता तक करना पड़ता है। दबी जुबान से ही सही, वनकर्मी लगातार कह रहे हैं कि ऐसे मामलों में अफसरों को पुलिस के बड़े अधिकारियों से वार्ता करनी चाहिए। ताकि संयुक्त रणनीति के तहत इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
वनकर्मी से अभद्रता करने पर तीन पर केस
चार दिन पूर्व नैनीताल रोड पर वनकर्मी के साथ अभद्रता कर वाहन लेकर फरार होने वाले तीन लोगों के खिलाफ काठगोदाम थाने में सरकारी काम में बाधा रूालने व गालीगलौज का केस दर्ज किया गया है। गौला रेंज के वन दारोगा शक्ति पांडे ने तहरीर में बताया था कि रात में चेकिंग के दौरान अवैध रेत से भरा टिप्पर रोका गया। जिस पर साथियों संग पहुंचे वाहन स्वामी ने गालियां करनी शुरू कर दी। वे जबरन वनकर्मी को नीचे उतार वाहन लेकर फरार हो गए। एसओ काठगोदाम कमाल हसन ने बताया मामले में जारी हुए एक वीडियो की जांच की गई थी। जिसके बाद रवि कन्नौजिया, बबलू कन्नौजिया व बबलू उर्फ टुईया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बिंदुखत्ता, गोविंदग्राम व शीशमहल में दिक्कत
अवैध खनन के ज्यादातर मामले शीशमहल, गौलापार गोविंदग्राम में पकड़े गए हैं। इसके अलावा बिंदुखत्ता में टीम को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। हमले की अधिकांश घटनाएं इन क्षेत्रों में हुई है।
चार दिन पूर्व नैनीताल रोड पर वनकर्मी के साथ अभद्रता कर वाहन लेकर फरार होने वाले तीन लोगों के खिलाफ काठगोदाम थाने में सरकारी काम में बाधा रूालने व गालीगलौज का केस दर्ज किया गया है। गौला रेंज के वन दारोगा शक्ति पांडे ने तहरीर में बताया था कि रात में चेकिंग के दौरान अवैध रेत से भरा टिप्पर रोका गया। जिस पर साथियों संग पहुंचे वाहन स्वामी ने गालियां करनी शुरू कर दी। वे जबरन वनकर्मी को नीचे उतार वाहन लेकर फरार हो गए। एसओ काठगोदाम कमाल हसन ने बताया मामले में जारी हुए एक वीडियो की जांच की गई थी। जिसके बाद रवि कन्नौजिया, बबलू कन्नौजिया व बबलू उर्फ टुईया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बिंदुखत्ता, गोविंदग्राम व शीशमहल में दिक्कत
अवैध खनन के ज्यादातर मामले शीशमहल, गौलापार गोविंदग्राम में पकड़े गए हैं। इसके अलावा बिंदुखत्ता में टीम को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। हमले की अधिकांश घटनाएं इन क्षेत्रों में हुई है।
वनकर्मियों पर हमले की बड़ी घटनाएं
अगस्त 2018 में चोरगलिया रेलवे फाटक के पास वनकर्मियों पर पथराव
सितंबर 2018 में टांडा जंगल में गश्त के दौरान वनकर्मियों पर फायर, बाल-बाल बचे
फरवरी में काठगोदाम के पास वनकर्मी को बाइक से कुचलने का प्रयास किया गया
शनिवार को लालकुआं में एसओजी टीम पर हमला
मंगलवार रात वनकर्मी को टिप्पर से नीचे फेंक वाहन ले उड़े अफसर के आदेश को ठेंगा
हल्द्वानी व तराई के एरिया में अवैध खनन को लेकर ङ्क्षहसा की बढ़ती घटनाओं पर पूर्व आइजी पूरन सिंह रावत ने लगाम लगाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने पुलिस को सक्रिय खनन तस्करों की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सूचीबद्ध करने को कहा था, लेकिन आदेश पर अमल नहीं हुआ।
अगस्त 2018 में चोरगलिया रेलवे फाटक के पास वनकर्मियों पर पथराव
सितंबर 2018 में टांडा जंगल में गश्त के दौरान वनकर्मियों पर फायर, बाल-बाल बचे
फरवरी में काठगोदाम के पास वनकर्मी को बाइक से कुचलने का प्रयास किया गया
शनिवार को लालकुआं में एसओजी टीम पर हमला
मंगलवार रात वनकर्मी को टिप्पर से नीचे फेंक वाहन ले उड़े अफसर के आदेश को ठेंगा
हल्द्वानी व तराई के एरिया में अवैध खनन को लेकर ङ्क्षहसा की बढ़ती घटनाओं पर पूर्व आइजी पूरन सिंह रावत ने लगाम लगाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने पुलिस को सक्रिय खनन तस्करों की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सूचीबद्ध करने को कहा था, लेकिन आदेश पर अमल नहीं हुआ।
पुलिस व फॉरेस्ट एक्ट में केस, गिरफ्तारी नहीं
लालकुआं के एक खनन माफिया पर तीन मुकदमे दर्ज होने के साथ सात केस फॉरेस्ट एक्ट पर हैं। दूसरे पर तीन मुकदमे पुलिस व पांच जुर्म महकमे ने काटे हैं। इसके अलावा तीसरे माफिया पर आधा दर्जन केस हैं। इसके बावजूद गिरफ्तारी नहीं हुई। यह भी पढ़ें : आग से फसल जलकर राख होने पर नहीं मिलता है कृषि बीमा, जानिए क्या है कारण
यह भी पढ़ें : प्रदेश के 75 पीसीएस अफसरों ने नहीं दिया अपनी संपत्ति का ब्यौरा, आरटीआइ में हुआ खुलासा
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