एयर स्ट्राइक के बाद देशभर के लोग क्षेत्रवाद, जातीय और मजहबी भेदभाव से ऊपर उठे : रौतेला
भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक से न सिर्फ सेना का मनोबल बढ़ा है बल्कि देश की जनता में भी देशभक्ति की भावना जागृत हुई है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 12 Mar 2019 10:32 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक से न सिर्फ सेना का मनोबल बढ़ा है, बल्कि देश की जनता में भी देशभक्ति की भावना जागृत हुई है। पुलवामा की आतंकी घटना और इसके बाद हुए एयर स्ट्राइक के बाद देशभर के लोग क्षेत्रवाद, जातीय और मजहबी भेदभाव से ऊपर उठे हैं। भारत की छवि भी पूरे विश्व में शक्तिशाली देश के रूप में बनी है। ये विचार दैनिक जागरण के जागरण विमर्श कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि वक्ता रिटायर्ड जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी मेजर बीएस रौतेला ने व्यक्त किए।
जागरण विमर्श में वह एयर स्ट्राइक की जरूरत और इसके प्रभाव पर विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का बालाकोट आतंकवाद की नर्सरी बन चुका था। वहां लोगों को आतंकवादी बनाकर भारत भेजा जाता था। भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक कर उस नर्सरी को तबाह कर दिया। इससे हमेशा परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान को भारत ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया। मेजर रौतेला ने कहा कि 2014 में नई सरकार बनने के बाद पांच बार पाक सरकार को वार्ता का मौका दिया गया, मगर वहां की सरकार हमेशा गीदड़ भभकी देती रही। सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर वर्ष 1971 के बाद पहली बार भारत ने पाक को उसकी जमीन में घुसकर सबक सिखाने के साथ ही अपनी ताकत का एहसास कराया, जबकि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक की जमीन पर एयर स्ट्राइक कर दी। सेना को खुली छूट देने से जवानों का मनोबल बढ़ा है, मगर इस हमले में मारे गए लोगों का सबूत मांगने वाले लोग सेना के इस मनोबल को गिरा रहे हैं। इस दौरान रिटायर्ड मेजर कुंवर सिंह मेहरा ने भी बालाकोट एयर स्ट्राइक पर विचार रखे।
पाक की हवाई कार्रवाई दिखावा
मेजर रौतेला ने कहा कि एयर स्ट्राइक के बाद पाक का अपने फाइटर विमान भेजना केवल दिखावा था। पाक सरकार ने लोगों के विरोध से बचने के लिए हवाई कार्रवाई की, जबकि भारत के मिग 21 विमान ने पाक के अत्याधुनिक एफ 16 विमान को गिराकर फिर अपने पराक्रम का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन को छोडऩा पाकिस्तान की दरियादिली नहीं थी, बल्कि भारत की ताकत की वजह से उस पर पूरे विश्व का दबाव था।
विश्व भी भारत के साथ
मेजर रौतेला ने कहा कि विश्व के सभी शक्तिशाली देशों के साथ ही तमाम देशों ने भारत का साथ दिया। देशभर के लोगों की देशभक्ति पूरे विश्व ने देखी। मेजर ने कहा कि पहले की सरकारें आतंकवाद के मामले में हमेशा रक्षात्मक रवैया अपनाती थीं, लेकिन अब भारत भी आक्रामक रुख अपना रहा है।
अतिथि वक्ता मेजर रौतेला का परिचय मेजर बीएस रौतेला का जन्म 5 अप्रैल 1958 को बागेश्वर जिले के ग्राम टिटोली कांडा में हुआ था। उनकी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा गांव से ही हुई, जबकि स्नातकोत्तर कुमाऊं विश्वविद्यालय से किया। मेजर ने वर्ष 1977 में भारतीय सेना ज्वाइन की। नौकरी के दौरान ही उन्होंने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ से बीएड भी किया। 31 दिसंबर 2007 को रौतेला सेना से सेवानिवृत्त हुए। जनवरी 2008 में उनकी नियुक्ति जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी के पद पर हो गई। इस पद से वह 31 जुलाई 2018 को सेवानिवृत्त हो गए। वर्तमान में वह जिला पूर्व सैनिक लीग से जुड़कर पूर्व सैनिकों व आश्रितों के हक के लिए लड़ रहे हैं। अब तक वह पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं व आश्रितों को उनके हक के 18 करोड़ से अधिक रुपये एरियर के रूप में दिलवा चुके हैं।
यह भी पढ़ें : देवभूमि में लड़का-लड़की की शिक्षा में भेदभाव, बेटियां सरकारी स्कूल में, बेटों के लिए कॉन्वेंटयह भी पढ़ें : झिरना जोन में हाथी को उकसाने के मामले में जिप्सी, चालक व गाइड का प्रवेश प्रतिबंधित
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।