रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण सहित 32 सांसदों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा
हर साल माननीयों व अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता है। इसके लिए कानून भी बना है। मगर राज्यसभा के 32 ऐसे माननीय हैं कि जिन्होंने इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 05 Jan 2019 08:21 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर, जेएनएन : हर साल माननीयों व अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता है। इसके लिए कानून भी बना है, मगर राज्यसभा के 32 ऐसे माननीय हैं कि जिन्होंने यह दायित्व पूरा करने में गंभीरता नहीं दिखाई है। यह सच्चाई सूचना का अधिकार में सामने आई है।
काशीपुर निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने सूचना का अधिकार में राज्यसभा सचिवालय से चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने वाले राज्य सभा सदस्यों की सूची मांगी। सचिवालय के निदेशक एवं केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी अरुण शर्मा द्वारा उपलब्ध कराई सूची के मुताबिक पांच नवंबर 2018 तक सिर्फ 212 सदस्यों ने संपत्ति का ब्योरा दिया है। जबकि 32 सदस्यों के उपलब्ध नहीं कराई है। इनमें रक्षा मंत्री भी शामिल हैं। संपत्ति का ब्योरा न देने वालों में भाजपा के 12, कांग्रेस के चार, एआइटीएस के तीन, राजद, जेडीयू व बीजद के दो-दो, सांसद एआइडीएमके, एसडीएफ और एसएस के एक-एक सांसद हैं।इन लोगों ने नहीं दिया ब्यौरा
बिहार से राज्यसभा सदस्य मीसा भारती, प्रो. मनोज कुमार झा, डॉ. महेंद्र प्रसाद, अखिलेश प्रसाद सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, पश्चिमी बंगाल से अबीर रंजन विश्वास, मो. नदीम उल हक, डोला सेन, गुजरात से मधुसूदन मिस्त्री, महंत शंभू प्रसाद टुडिया, उड़ीसा से प्रताप केसरी देव, सोम्य आर पटनायक व उप्र. से डॉ. अनिल अग्रवाल तथा सकलदीप राजभर, झारखंड से धीरज प्रसाद साहू, कर्नाटक से निर्मला सीता रमन, मध्यप्रदेश से राजमणि पटेल, महाराष्ट्र से अनिल देसाई तथा सिक्किम से हिसेे लंचुगपा तथा तमिलनाडु से ए. विजय कुमार ने संपत्ति का विवरण नहीं दिया है। जिन 12 मनोनीत सदस्यों ने अपना संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है, उनमें संभाजी छत्रपति, स्वयं दास गुप्ता, रूपा गांगुली, डॉ. नरेंद्र जाघव, एमसी मेरीकॉम, डॉ. सोनल मानसिंह, डॉ. रघुनाथ महापात्र, राम शकल, राकेश सिन्हा, सुरेश गोपी, डॉ. सुब्रमणियम स्वामी तथा केटीएस तुलसी शामिल हैं।ये हैं नियम
राज्यसभा सदस्य (संपत्ति एवं दायित्व की घोषणा) नियम 2004 की धारा तीन के तहत प्रत्येक राज्यसभा सदस्य को अपने शपथ ग्रहण करने से 90 दिन के भीतर अपने पति/पत्नी तथा आश्रित बच्चों की चल-अचल संपत्तियों व दायित्वों का विवरण चैयरमैन को देने का प्रावधान है। हर साल की 31 मार्च तक के परिवर्तनों की सूचना भी उस वर्ष की 30 जून तक उपलब्ध कराने का प्रावधान है।यह भी पढ़ें : नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट को लेकर सियासत तेज, भाजपा-कांग्रेस में बढ़ी हलचल
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