फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया बनाएगी फ्लाइओवर का मैप
मुखानी चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण की संभावनाएं तलाशने वाली कंपनी का चयन कर लिया गया है। फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया को इसका जिम्मा मिला है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 11 May 2019 12:08 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : मुखानी चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण की संभावनाएं तलाशने वाली कंपनी का चयन कर लिया गया है। फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया को इसका जिम्मा मिला है। कंपनी सर्वे कर बताएगी कि भीड़-भाड़ व तंग एरिया के बीच में फ्लाईओवर कैसे बनेगा। डिजाइन तैयार करने के साथ कंपनी को निर्माण खर्च का ब्यौरा भी देना होगा। आचार संहिता हटते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। मुखानी चौराहे पर जाम की समस्या सालों से नासूर बन चुकी है। तमाम कोशिशों के बावजूद कोई हल नहीं निकला। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो प्रशासन भी हरकत में आ गया। इसके बाद जाम की मुख्य वजह अतिक्रमण को चिह्नित कर 71 कब्जे हटाए गए। वहीं, फ्लाईओवर निर्माण को लेकर लोनिवि ने देश भर की कंपनियों से प्रस्ताव मांगा था, जिसके बाद फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया व गुजरात की ट्रांस लिंक को अंतिम दो नामों में शामिल गया। अब फरीदाबाद वाली कंपनी को काम सौंप दिया गया है। लोनिवि अफसरों के मुताबिक, वार्ता के बाद कंपनी ने साढ़े तीन लाख रुपये का बजट कम भी किया है। अब डिजाइन तैयार करने के लिए जीएसटी के साथ 18 लाख रुपये भुगतान करने होंगे। 23 मई को आचार संंहिता खत्म होने के बाद परीक्षण शुरू होगा।
एलीवेटेड सड़क का डिजाइन भी बनेगा
मुखानी चौराहे पर सड़क 18 फीट चौड़ी है। ऐसे में फ्लाईओवर निर्माण में तकनीकी दिक्कत आ भी सकती है। हालांकि लोनिवि ने कंपनी को हर स्तर पर प्रयास कर नक्शा तैयार करने को कहा है। वहीं सूत्रों की माने तो विकल्प के तौर पर एलीवेटेड रोड की संभावनाएं तलाशी जा रही है। पीलीकोठी से नवाबी रोड तक इसमें कवर होगी।
फिलहाल गूगल मैप से आंकलन
लोनिवि के मुताबिक चयनित कंपनी ने जमीनी सर्वे नहीं किया। लेकिन टेंडर प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व गूगल मैप के जरिये एरिया दिखाया गया, जिसके बाद कंपनी ने नक्शा तैयार करने को हामी भरी।
साढ़े तीन साल पहले योजना में शामिल थाएक जनवरी 2016 को तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने हल्द्वानी को जाम से निजात दिलाने के लिए कई बिंदुओं पर काम करने के निर्देश दिए थे। मुखानी चौक पर फ्लाईओवर निर्माण को लेकर साढ़े तीन साल पहले भी संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए थे, पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
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