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नैनीताल में प्रसूता को पांच किमी डोली में लेकर पहुंचे ग्रामीण, डोली से उतरते ही सड़क पर बच्चे को दिया जन्म

baby birth on the road in nainital नैनीताल जिले के पर्वतीय गांव में प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीण प्रसूता को डोली में लेकर पांच किमी दूर भुजियाघाट पहुंचे। महिला डोली से उतर कर जैसे ही सड़क पर खड़ी हुई उसे वहीं प्रसव को गया। बहरहाल जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2022 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2022 10:29 PM (IST)
भुजियाघाट में डोली से उतरते ही प्रसूता को सड़क पर प्रसव हो गया।

जागरण संवाददाता, हल्‍द्वानी : baby birth on the road in nainital : उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों की प्रसूताओं और मरीजों को इलाज पाने के लिए काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। एक ऐसा ही मामला नैनीताल जिले में सामने आया है। सुविधाओं के अभाव में गर्भवती का प्रसव सड़क पर कराना पड़ा।

नैनीताल जिले के पर्वतीय गांव बल्यूटी मोरा का मामला

मामला नैनीताल जिले के पर्वतीय क्षेत्र बल्यूटी मोरा गांव का है। बुधवार को गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीण डोली में पांच किलाेमीटर दूर भुजियाघाट पहुंचे। जहां प्रसव पीड़ा तेज होने पर सड़क पर ही प्रसव हो गया। इसके बाद स्वजनों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल में भर्ती कराया।

असहनीय दर्द से कराहती रही प्रसूता

बल्यूटी मोरा गांव की 30 वर्षीय दीपा जीना को बुधवार को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। गांव का पर्वतीय रास्ता होने के कारण एंबुलेंस का पहुंचना संभव न था। लिहाजा ग्रामीणों ने तीसरे पहर तीन बजे ग्रामीण कुर्सी की डोली बनाकर प्रसूतो को लेकर पांच किलोमीटर दूर सड़क मार्ग भुजियाघाट पहुंचे। तब तक गर्भवती असहनीय दर्द से कराहती रही।

डोली से उतरते ही सड़क पर हुआ प्रसव

डोली में लेकर ग्रामीण जैसे ही भुजियाघाट पहुंचे प्रसूता की पीड़ा असहनीय हो गई। डोली से उतरते ही सड़क पर ही प्रसव हो गया। आसपास कोई भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इस तरह की स्थिति से स्वजन परेशान हो गए। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल हल्द्वानी लाया गया।

गांव के दस किमी के दायरे में स्वास्थ्य केन्द्र नहीं

घटना काे लेकर पंचायत सदस्य मुन्नी जीना, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय शाह व कुंदन सिंह जीना ने इस तरह की घटना पर फिर आक्रोश जताया। उनका कहना है कि समय पर उपचार न मिलने से आए दिन ग्रामीणों को परेशानी होती है। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। संजय शाह ने बताया कि 10 किलोमीटर के दायरे में कोई स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है।

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