27 फरवरी को देख सकते हैं बुध ग्रह की खूबसूरती को, सूर्य से बढ़ेगी दूरी
बुध ग्रह सूर्य के जितना पास है, उसका दीदार उतना ही मुश्किल है। साल में कुछ ही क्षण आते हैं, जब इसे कोरी आंखों से देख पाना संभव हो पाता है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 05 Feb 2019 07:23 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : बुध ग्रह सूर्य के जितना पास है, उसका दीदार उतना ही मुश्किल है। साल में कुछ ही क्षण आते हैं, जब इसे कोरी आंखों से देख पाना संभव हो पाता है। अब यह 27 फरवरी को सूर्य से सबसे दूरी पर होगा, लिहाजा इसके दर्शन हो सकेंगे।
बुध हमारे सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है और यह सौर मंडल के अंदरूनी हिस्से में सूर्य के करीब रहता है। यह चमकीला ग्रह है। सूर्य की अत्यधिक रोशनी में यह दिखाई नहीं पड़ता। जब यह सूर्य से दूर होता है, तभी इसे देखा जा सकता है। इसकी तुलना में मंगल, बृहस्पति व शुक्र को कोरी आंखों से देख पाना इसलिए आसान हैं, क्योंकि वह सूर्य से काफी दूर हैं। अल्प समय के लिए नजर आने के कारण बुध को देखने के लिए खगोल प्रेमी इंतजार में रहते हैं। यह क्षण अब 27 फरवरी का आ रहा है। इस दिन बुध सूर्य से करीब 18 डिग्री की दूरी पर होगा। इतनी दूरी पर होने के नाते इसकी चमक बढ़ी हुई होगी और कोरी आंखों से देख पाना बेहद आसान हो जाएगा। उस दिन सूर्य जैसे- जैसे ढलता जाएगा, इसकी चमक में उतना ही निखार आने लगेगा।
यह ग्रह अपने आप में अनूठा माना जाता है। इसका अधिकांश हिस्सा ठोस है। आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार यह 87.97 दिन में सूर्य का एक चक्कर पूरा कर लेता है। सूर्य से दूर पहुंचने के कारण इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए आसान हो जाता है। इस ग्रह के रहस्य को जानने के लिए नासा ने वर्ष 2004 में मैसेंजर नामक अंतरिक्ष यान भेजा था, जो 2011 में इसकी आर्बिट में पहुंचा और लगातार चार साल तक अध्ययन किया। इस ग्रह पर अत्यधिक तापमान के कारण जीवन संभव नहीं है। वर्ष 2015 में मैसेंजर मिशन का कार्यकाल समाप्त हो गया। उन्होंने बताया कि बुध ग्रह पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों के लिए यह उपयुक्त समय होगा। एस्ट्रो फोटोग्राफर भी इस मौके का भरपूर लाभ उठा सकेंगे।
बुध हमारे सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है और यह सौर मंडल के अंदरूनी हिस्से में सूर्य के करीब रहता है। यह चमकीला ग्रह है। सूर्य की अत्यधिक रोशनी में यह दिखाई नहीं पड़ता। जब यह सूर्य से दूर होता है, तभी इसे देखा जा सकता है। इसकी तुलना में मंगल, बृहस्पति व शुक्र को कोरी आंखों से देख पाना इसलिए आसान हैं, क्योंकि वह सूर्य से काफी दूर हैं। अल्प समय के लिए नजर आने के कारण बुध को देखने के लिए खगोल प्रेमी इंतजार में रहते हैं। यह क्षण अब 27 फरवरी का आ रहा है। इस दिन बुध सूर्य से करीब 18 डिग्री की दूरी पर होगा। इतनी दूरी पर होने के नाते इसकी चमक बढ़ी हुई होगी और कोरी आंखों से देख पाना बेहद आसान हो जाएगा। उस दिन सूर्य जैसे- जैसे ढलता जाएगा, इसकी चमक में उतना ही निखार आने लगेगा।
यह ग्रह अपने आप में अनूठा माना जाता है। इसका अधिकांश हिस्सा ठोस है। आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार यह 87.97 दिन में सूर्य का एक चक्कर पूरा कर लेता है। सूर्य से दूर पहुंचने के कारण इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए आसान हो जाता है। इस ग्रह के रहस्य को जानने के लिए नासा ने वर्ष 2004 में मैसेंजर नामक अंतरिक्ष यान भेजा था, जो 2011 में इसकी आर्बिट में पहुंचा और लगातार चार साल तक अध्ययन किया। इस ग्रह पर अत्यधिक तापमान के कारण जीवन संभव नहीं है। वर्ष 2015 में मैसेंजर मिशन का कार्यकाल समाप्त हो गया। उन्होंने बताया कि बुध ग्रह पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों के लिए यह उपयुक्त समय होगा। एस्ट्रो फोटोग्राफर भी इस मौके का भरपूर लाभ उठा सकेंगे।
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