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MBPG College: स्नातकोत्तर में सीटें फुल, दो हजार से अधिक आवेदन पहले से कतार में; पंजीकरण खोलने का क्या फायदा?

MBPG College कुमाऊं के सबसे बड़े महाविद्यालय एमबीपीजी कालेज में पीजी कक्षाओं में करीब 1240 सीटें हैं। वहीं स्नातकोत्तर कक्षाओं की लगभग सभी सीटें भर चुकी हैं। सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रनेता कई बार प्राचार्य के माध्यम से कुमाऊं विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेज चुके हैं। पंजीकरण से पोर्टल खोल दिया गया है। जिससे अधिकारी कन्‍फ्यूजन में हैं।

By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Tue, 27 Aug 2024 04:10 PM (IST)
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MBPG College: स्नातकोत्तर में सीटें फुल पंजीकरण खोलने का क्या फायदा

जासं, हल्द्वानी । MBPG College: कुमाऊं के सबसे बड़े महाविद्यालय एमबीपीजी कालेज में स्नातकोत्तर कक्षाओं की लगभग सभी सीटें भर चुकी हैं। वहीं, अब उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश व पंजीकरण के लिए फिर समर्थ पोर्टल खोल दिया है। इसमें स्नातक के साथ ही स्नातकोत्तर में प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को मौका दिया गया है, लेकिन पीजी कक्षाओं में पहले से ही आवेदकों की लंबी कतार है।

सीटें बढ़ाए बगैर दोबारा रजिस्ट्रेशन शुरू करने का विद्यार्थियों को कैसे लाभ मिल पाएगा, इस विचार नहीं किया गया।  एमबीपीजी कालेज में पीजी कक्षाओं में करीब 1240 सीटें हैं। इनमें प्रवेश के लिए तीन हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। पहले चरण के दाखिलों के बाद लगभग एक हजार सीटें भर चुकी हैं।

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आरक्षित श्रेणी की सीटें ही बची

अब आरक्षित श्रेणी की सीटें ही बची हैं। ऐसे में सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रनेता कई बार प्राचार्य के माध्यम से कुमाऊं विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेज चुके हैं। पूर्व में विभागीय स्तर से सीटें बढ़ाने को लेकर आश्वासन भी मिला था, उसके बावजूद सीटें बढ़ाने पर अभी कोई आदेश नहीं हो पाया है।

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इधर, विभागीय अधिकारी विश्वविद्यालय स्तर से सीटें बढ़ाने की बात कह रहे हैं। इन सबके बीच दोबारा से पंजीकरण के लिए पोर्टल को खोल दिया गया है। ऐसे में कालेज प्रशासन के सामने समस्या उत्पन्न होना तय है कि पुराने छात्रों को प्रवेश दिया जाए या नये आवेदकों की मेरिट तैयार करें।

एमबीपीजी कालेज प्रशासन से पिछले वर्ष पीजी में हुए प्रवेशों के अनुसार दाखिले देने को कह दिया गया है। सीटें बढ़ाने पर विश्वविद्यालय स्तर वार्ताकर निर्णय लिया जा सकता है। -  प्रो. एएस उनियाल, संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा