Nainital: तिब्बती बाजार की विश्व स्तर है पहचान, पलायन से नहीं पड़ेगा अस्तित्व पर असर; स्थानीय के साथ पर्यटकों की भी पसंद
तिब्बती समुदाय आधी सदी से भी ज्यादा समय से नैनीताल में शांतिप्रिय ढंग से यहां गुजर बसर कर रहा है। यह समुदाय नैनीताल की पहचान का हिस्सेदार भी है। यहां की खास पहचान के साथ ही पर्यटकों की पसंद भी रहा है। जिस तरह से नैनीताल की संस्कृति के साथ मिल जुलकर रह रहे हैं वो बाहर से आ के बसावट कर रहे लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। तिब्बती समुदाय आधी सदी से भी ज्यादा समय से नैनीताल में शांतिप्रिय ढंग से यहां गुजर बसर कर रहा है। यह समुदाय नैनीताल की पहचान का हिस्सेदार भी है। यहां की खास पहचान के साथ ही पर्यटकों की पसंद भी रहा है।
जिस तरह से नैनीताल की संस्कृति के साथ मिल जुलकर रह रहे हैं, वो बाहर से आ के बसावट कर रहे लोगों के लिए प्रेरणादायक है। साथ ही तिब्बती बाजार की पहचान विश्व स्तर तक है। आने वाले पर्यटकों को उचित दामों में नवीनतम चीजें उपलब्ध कराने की वजह से तिब्बती बाजार स्थानीय लोगों की भी पहली पसंद है।
तिब्बती मार्केट एसोसिएशन के सचिव यीसी थुप्तैन के अनुसार, तिब्बती समुदाय के कुछ परिवारों के पलायन से तिब्बती बाजार के अस्तित्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जितनी दुकानें हैं, उससे अधिक परिवार यहां रह रहे हैं। कुछ परिवारों के पास दो-तीन दुकानें भी हैं, जो लोग फुटपाथ पर कारोबार कर रहे थे, उनमें से अधिक लोग ही अन्यत्र गए।
नैनीताल बाजार विशेषज्ञ रुचिर साह के अनुसार, अगर तिब्बती समुदाय का कारोबार या अन्य वजहों से पलायन हो रहा है तो यह चिंताजनक है। साथ ही यह शहर की अर्थव्यवस्था के लिए भी हितकर नहीं होगा। तिब्बती बाजार नैनीताल के सोनम मोमोज पर मोमो को देश में लोकप्रिय करने में खास योगदान है।
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