नैनी झील
यह नैनीताल शहर की पहचान है। यहां आने वाला हर शख्स नैनी झील जरूर जाता है। उत्तर-पश्चिम में नैना पीक, दक्षिण-पश्चिम में टिफिन टॉप और उत्तर में शीतकाल में बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी नैनीताल झील विशेष रूप से सुबह और सूर्यास्त के दौरान एक लुभावनी दृश्य प्रस्तुत करती है। यह बोटिंग, पिकनिक और शाम की सैर के लिए सबसे प्रसिद्ध है। इसी झील के पास स्थित नैना देवी मंदिर के दर्शन करके अपने मन को आध्यात्मिक शांति भी प्रदान कर सकते हैं।
माल रोड
नैनी झील के बगल ही बनी यह सड़क दो भागों में बंटा है। अपर माल रोड और लोअर माल रोड। लोअर माल रोड झील से लगा हुआ है, जबकि अपर माल रोड पर आकर्षक होटल और दुकानें खुली हुई है। नैनीताल के दो हिस्से तल्लीताल और मल्लीताल को यही दोनों सड़कें जोड़ती हैं। यहां हर वक्त चहल-पहल रहती है। शाम के वक्त लाइटों से जगमगाती दुकानों के बगल से इस रोड पर टहलना अलग ही अनुभूति कराता है। इसीलिए हर रोज शाम को इस सड़क पर दो घंटे वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाता है। जिसके बाद लोग केवल पैदल ही इस रोड पर सैर करते हैं। खरीदारी करने के लिए यह बेहतर स्थान है। गर्म कपड़ों और नैनीताल शहर की पहचान मोमबत्तियों और बैग की कई दुकानें यहां आपकों मिल जाएंगी।
चिड़ियाघर
यह है पं. गाेविंद बल्लभ पंत उच्चस्थलीय चिड़ियाघर। जहां विभिन्न प्रकार के पशुओं से भरा यह स्थान लोगों को अपनी ओर खींच लेता है। नैनी झील के बगल लगी माल रोड से करी डेढ़ किमी की ऊंचाई पर स्थित इस जगह पर तेंदुआ, पहाड़ी लोमड़ी, हिरन, चीतल, भालू, सफ़ेद मोर, बंगाल टाइगर, तेंदुए, पांडा आदि जीवों का दीदार कर सकते हैं। विलुप्त होती कई पक्षियां भी आपको यहां पंख फैलाए नजर आ जाएंगी। दो किलोमीटर से भी अधिक दूरी में फैला यह स्थान लंबे-लंबे घने पेड़ पशु-पक्षियों को रहने में सहायता करते हैं। यहां जाने के लिए आपको टिकट लेना पड़ेगा
ईको केव गार्डन
चारों ओर प्रकृति के उपहारों से घिरा यह गुफा 6 छोटी गुफाओं का मिश्रण है, जिन्हें जानवरों के आकार में बनाया गया है। यहां लगाए गए झूलते बगीचे और संगीतमय फव्वारे सैलानियों का मन मोह लेते हैं। यह गुफा पर्यटकों को हिमालयी वन्यजीवों के प्राकृतिक वास की झलक से परिचय कराने के लिए बनाया गया है। गुफा में जाने के लिए लगाए गए पेट्रोल से जलते लैंप आकर्षित करते हैं। टाईगर केव, पैंथर केव, ऐप्स केव, बैट केव और फ्लाईंग फॉक्स केव यहां की प्रचलित गुफाएं हैं।
हिमालय दर्शन
चांदी की तरह बर्फ से ढका हिमालय किसका मन नहीं लुभाता। हिमालय और बर्फ से ढकी उसकी चोटियों को निहारना है तो यह जगह सबसे बेहतर है। समुद्र तल से 2270 मीटर ऊंचा यह इलाका यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय स्थान है। बादल भी यहां ऐसे उड़ते हैं जैसे प्रतीत होता है कि हाथ ऊपर उठाते ही वह आपकी मुट्ठी में कैद हो गए हों।
नैनीताल घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
नैनीताल घूमने सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक है जो कि पीक सीजन भी है। यहां का मौसम साल भर सुहावना रहता है। इसी कारण अब पर्यटक हर वीकेंड पर भी आने लगे हैं। अप्रैल से जून तक औसत तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। जुलाई से सितंबर में वर्षा के कारण तापमान 10 से 15 डिग्री तक आ जाता है। बर्फ का अनुभव लेना है तो जनवरी में इसके लिए बेहतर है।
कैसे पहुंचें
ट्रेन से : ट्रेन से नैनीताल पहुंचने के लिए इस शहर से करीब 25 किमी दूर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। यहां से देशभर से ट्रेनें आती हैं। इसके बाद यहां से आपको बस या टैक्सी की सेवा लेनी पड़ेगी।
बस से : बस से आप नैनीताल आना चाहते हैं तो यह सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका है। दिल्ली, देहरादून, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, लखनऊ आदि शहरों से बसें यहां आती हैं।
फ्लाइट से : अगर आप नैनीताल फ्लाइट से आना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जाे इस शहर से तकरीबन 70 किमी दूर है। हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आपको फिर टैक्सी या बस पकड़नी पड़ेगी, जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है।