Nainital News: पर्वतीय क्षेत्रों में अतिक्रमण और नोटिस का डर, दावा - दस्तावेज होने पर भी हो रही कार्रवाई
पर्वतीय क्षेत्र में अतिक्रमण और नोटिस को लेकर लोगों में डर का माहौल है। सोमवार को भीमताल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सिंह भंडारी ने लोगों से जमीन संबंधी दस्तावेजों की कापी जमा करवाई। भंडारी का कहना है कि 200 ऐसे लोग सामने आए हैं जिनके पास भूमि संबंधी कागज होने के बावजूद पीडब्ल्यूडी व वन विभाग ने नोटिस भेज दिए। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की जाएगी।
By govind singhEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Mon, 28 Aug 2023 08:45 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। पर्वतीय क्षेत्र में अतिक्रमण और नोटिस को लेकर लोगों में डर का माहौल है। सोमवार को भीमताल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सिंह भंडारी ने लोगों से जमीन संबंधी दस्तावेजों की कापी जमा करवाई। भंडारी का कहना है कि 200 ऐसे लोग सामने आए हैं, जिनके पास भूमि संबंधी कागज होने के बावजूद पीडब्ल्यूडी व वन विभाग ने नोटिस भेज दिए। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की जाएगी।
सोमवार को मुकुल विहार में आयोजित बैठक में अतिक्रमण की जद में आ रहे पर्वतीय क्षेत्र के दुकानदार व निवासी पहुंचे थे। धानाचूली, पहाड़पानी, पतलोट, खनस्यू, सलड़ी, गलनी आदि क्षेत्र से पहुंचे लोगों ने नोटिस के अलावा भूमि संबंधी दस्तावेज भी दिखाए, जिसके बाद पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय में ठोस पैरवी नहीं की।
इस वजह से वर्षों से छोटे-छोटे रोजगार के जरिए परिवार पाल रहे लोगों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। सरकारी विभाग सीधा ध्वस्तीकरण के नोटिस चस्पा कर डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। बड़ी आबादी को राहत दिलाने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने में जुटे हैं। इस दौरान दीवान सिंह मटियाली, हितेश सुयाल, विनोद बड़सिलिया, पान सिंह बिष्ट, प्रताप बर्गली, दया किशन, मदन परगांई, लक्ष्मण नेगी, पान सिंह बिष्ट व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
हाईकोर्ट के आदेश पर हटाया अस्थाई अतिक्रमण
जसपुर में हाईकोर्ट के आदेश पर पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने अफजलगढ़ मार्ग पर मारिया स्कूल से गोविंदपुर तक रोड किनारे बने अस्थाई करीब 100 अतिक्रमण को हटाया। सोमवार को पीडब्ल्यूडी के एई एनएस रावत, जेई बीबी पांडे के साथ तहसीलदार सुभांगिनी एवं पुलिस कर्मियों ने जेसीबी चलकर सड़क किनारे करीब दस किमी तक अस्थाई अतिक्रमण को हटाया।
इस दौरान अफसरों की दुकानदारों से हल्की नोकझोंक भी हुई। वहीं, दुकानदार अपना अतिक्रमण खुद तोड़ते एवं व्यविस्थत करते देखे गए। एसडीएम गौरव चटवाल ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर पीडब्ल्यूडी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। बताया कि वन भूमि पर वन अफसर अतिक्रमण हटायेंगे।