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नैनीताल से सटे जंगल में भड़की भीषण आग, आइटीआइ भवन भी लपटों में घिरा

नैनीताल से पांच किमी दूर पाइंस और जोखिया के जंगल में आग भड़क उठी। आग की चपेट में आने से छावनी परिषद का सड़क किनारे बने पार्क को नुकसान पहुंचा है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 May 2019 07:22 PM (IST)
नैनीताल से सटे जंगल में भड़की भीषण आग, आइटीआइ भवन भी लपटों में घिरा
नैनीताल, जेएनएन । सरोवर नगरी के समीपवर्ती जंगलों में इस फायर सीजन में भड़की दावानल ने कहर बरपा दिया। भवाली रोड में पाइंस के जंगलों में लगी आग से लाखों की वन संपदा खाक होने के साथ ही पौधरोपण में रोपे गए हजारों पौधे जल गए। इसके अलावा पाइंस में छावनी परिषद के सड़क किनारे पार्क को भी नुकसान पहुंचा है जबकि आग की ज्वालाओं से पाइंस आइटीआइ भवन भी लपटों में घिर गया। हल्द्वानी रोड में मनोरा रैंज में एरीज बैंड में धधकी आग केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के निदेशक आवास तक पहुंच गई। जिससे छत पर रखी टंकी जल गई, साथ ही एक मीटर व्यास की दूरबीन तक लपटें पहुंच गई थी, वैज्ञानिकों समेत कर्मचारियों व शोध छात्रों ने बमुश्किल आग को नियंत्रण में लिया। इधर पटवाडांगर में जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के तीन आवासीय भवन भी आग की चपेट में आ गए, पांच कमरों का एक भवन जलकर खाक हो गया, मनोरा गांव में भी दावानल की चपेट में आने से वनस्पतियों के साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचा। गंभीर स्थिति को देखते हुए हल्द्वानी से फायर बिग्रेड मंगाई गई है। तड़के से शाम तक शहर के आसपास के जंगल धधकते रहे। 
गुरुवार तड़के  तीन बजे भवाली रोड में पाइंस के जंगल में आग भड़क उठी। सूचना पर वन कर्मचारी समेत फायर बिग्रेड वाहन पहुंच गया तो आग बुझाना शुरू किया गया। दिन चढऩे के साथ ही दावानल का दायरा बढ़ता गया। पाइंस कॉलोनी में सड़क से नीचे और ऊपरी इलाकों में आग बढ़ती चली गई। आग से उठे धुएं के गुबार की वजह से एक बार वाहनों की आवाजाही तक रोकनी पड़ी। वन विभाग की रैंजर ममता चंद समेत फायर बिग्रेड की टीम ने घंटों मशक्कत के बाद फायर लाइन काटकर पाइंस आइटीआई तथा वायु सेना स्टेशन लडिय़ाकांटा तक आग पहुंचने से रोका। आग से पाइंस स्थित अफसर कॉलोनी के लोगों व आइटीआइ के छात्रों में अफरातफरी मची रही। छावनी परिषद की ओर से पार्क को बचाने के लिए कार्मिकों की ड्यूटी लगाई है। डीएफओ बीजू लाल टीआर ने भवाली रोड पाइंस, हल्द्वानी रोड में मनोरा रैंज में मौके पर पहुंचकर दावानल बुझाने में जुटे कार्मिकों का हौंसला बढ़ाया। 

एरीज निदेशक आवास तक पहुंची लपटें
नैनीताल: समीपवर्ती मनोरा क्षेत्र में जंगल की आग ग्रामीणों के लाख प्रयासों के बाद भी नहीं बुझ पाई। आग इतनी विकराल थी कि लपटें एरीज परिसर तक पहुंच गई। कार्यवाहक निदेशक डॉ वहाबउद्दीन के आवास की छत मेें रखी पानी की टंकी जल गई। साथ ही एक मीटर व्यास की दूरबीन के करीब तक पहुंची। एसी की आउटडोर यूनिट समेत बिजली के तार जल गए। यदि इस दूरबीन को नुकसान होता तो शोध कार्य प्रभावित हो जाते। परिसर में आग की लपटों से हड़कंप मच गया, इसके बाद खतरे को देखते हुए 50 से अधिक वैज्ञानिकों, शोधार्थियों व कर्मचारियों के प्रयासों से आग पर नियंत्रण किया गया। इधर नैना गांव के ऊपर एरीज बैंड के पास धधकी आग से घास के लुटे जल गए हैं जबकि खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। आग बुझाने के दौरान रैंजर एनके जोशी बेहोश हो गए। 

पटवाडांगर में तीन आवास आग की चपेट में, डीएम भी पहुंचे
जिला मुख्यालय से दस किमी दूर हल्द्वानी रोड के आसपास आग ने दोपहर बाद विकराल रूप धारण कर लिया। क्षेत्र में जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवाडांगर में खाली पड़े तीन आवासों को आग की लपटों ने घेर लिया। सूचना पर प्रधान हिमांशु पाण्डे, एसओ तल्लीताल राहुल राठी, एफएसओ कैलाश चंद्र समेत पुलिस, फायर ब्रिग्रेड कर्मियों व ग्रामीणों ने जैसे तैसे आग बुझाने के साथ ही अन्य भवनों को चपेट में आने से बचाया। डीएम विनोद कुमार सुमन, एसडीएम विनोद कुमार ने पटवाडांगर पहुंचकर आग बुझाने के ऑपरेशन का नेतृत्व किया। घटों की मशक्कत के बाद करीब 50 आवासों को बचा लिया गया जबकि पांच आवासों का भवन जलकर राख गया। 

आग बुझाने में तमाम लोग झुलसे
डीएफओ के अनुसार आग बुझाने में पांच वन कर्मचारी भी झुलसे हैं। इसके अलावा पूरन सिंह मनराल, गोपाल बिष्ट, उमेद मनराल, चंदन रौतेला, हरीश सिंह, राजेंंद्र, केशव नैनवाल, त्रिलोक बिष्टï, दुर्गा सिंह, हेमा, कुंती, लीला, गुड्डी, भुवन, वीरू, गंगा, शेर सिंह आदि भी आग की लपटें लगने से मामुली रूप से जख्मी हुई हैैं। 

अराजक तत्वों की सूचना देने वाले को मिलेगा पांच हजार ईनाम
नैनीताल वन प्रभाग में विकराल होती दावानल ने वन महकमे को हिला कर रख दिया है। डीएफओ बीजू लाल ने कहा है कि तापमान में बढ़ोत्तरी, चटक धूप, तेज हवाओं की वजह से आग पर काबु पाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि हैलीकॉप्टर से आग बुझाने की फिलहाल नौबत नहीं आई है मगर शासन व विभागीय उच्चाधिकारियों को आग की भयावहता की रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने गुरुवार शाम को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आग लगाने वाले अराजक तत्वों की सूचना देने वाले को पांच हजार ईनाम ईनाम दिया जाएगा। इधर मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं विवेक कुमार पाण्डे ने दावानल को संकट बताते हुए ग्रामीणों से सहयोग मांगा है। 

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