'पिथौरागढ़ के कितने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी', HC ने धामी सरकार से पूछा सवाल; केंद्र सरकार से भी मांगी रिपोर्ट
पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कहा गया है कि पिथौरागढ़ जनपद में 292 प्राथमिक स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 11 21 24 हैं लेकिन वहां अध्यापक नही हैं। कुछ स्कूलों के भवन खस्ताहाल में हैं जो कभी गिर सकते हैं। हाई कोर्ट ने समस्या को गंभीर मानते हुए...
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ जिले के 292 प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि पिथौरागढ़ के कितने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, कितने स्कूल भवन जीर्णक्षीर्ण हालत में हैं, इसकी रिपोर्ट चार सप्ताह में कोर्ट में पेश की जाए।
इस मामले में सरकार की ओर से कहा गया की जिन स्कूलों में बच्चे शून्य हैं या जहां बच्चों की संख्या न्यून है, उनको दूसरे स्कूलों में समायोजित कर दिया गया है।
कोर्ट ने समस्या को गंभीर मानते हुए केंद्र सरकार से भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है, ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में
पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि पिथौरागढ़ जनपद में 292 प्राथमिक स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। कुछ स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्रों की संख्या 11, 21, 24 हैं लेकिन वहां अध्यापक नही हैं। कुछ स्कूलों के भवन खस्ताहाल में हैं, जो कभी गिर सकते हैं।
सरकार उनके बच्चों के भविष्य पर खेल रही है। सरकार ने स्कूल तो खोल दिये लेकिन अध्यापकों की नियुक्ति नही की। याचिका में कोर्ट से स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराने, स्कूल भवनों की दशा सुधारने की प्रार्थना की है।
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