उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, क्या जिला जजों को उपभोक्ता आयोग की जिम्मेदारी दी जा सकती है?
नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के जिलों में जिला उपभोक्ता आयोगों में सदस्यों के पद खाली होने के मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। कोर्ट ने पूछा है कि चार जिलों के अलावा अन्य जिलों में जिला जजों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है या नहीं। सरकार ने चार जिलों में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की लेकिन बाकी जिलों का कार्यभार इन्हें सौंप दिया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Nainital High court: हाई कोर्ट ने प्रदेश के तमाम जिलों में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्यों के पद खाली होने के मामले पर स्वतः संज्ञान लेती जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने संबंधित विभाग के सचिव से पूछा है कि चार जिलों के अलावा अन्य जिलों में जिला जजों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। क्या राज्य सरकार अन्य जिलों में भी नियुक्ति करने जा रही है, कोर्ट को बताएं।
सरकार ने चार जिलों में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की
मंगलवार को सुनवाई के दौरान विभाग के सचिव एल फनई कोर्ट में पेश होकर बताया कि कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने चार जिलों में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कर दी है, बाकी जिलों का इनको कार्य करने का कार्यभार सौंपा गया है।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में खुदाई के दौरान मिला रहस्यमयी शिवलिंग, पहले यहां निकले थे नागराज अब भोलेनाथ; हर कोई हैरान
13 जिलों के सभी उपभोक्ता आयोग में स्टाफ मौजूद है। जिस पर कोर्ट ने पूछा कि देहरादून से उत्तरकाशी की दूरी करीब तीन सौ किलोमीटर और ऊधमसिंह नगर से पिथौरागढ़ की दूरी भी अत्यधिक ही है। बताएं कि इसका समाधान कैसे किया जा सकता, अगली तिथि तक कोर्ट को अवगत कराएं। मामले की अगली सुनवाई को 26 नवंबर की तिथि नियत की है।