Nainital High Court Decision : तेजाब पीड़िता को 35 लाख मुआवजा के साथ चिकित्सा प्रतिपूर्ति दे उत्तराखंड सरकार
Nainital High Court Decision तेजाब पीड़िता गुलनाज खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकलपीठ ने उत्तराखंड सरकार को 35 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। 29 नवंबर 2014 को उस पर ऊधमिसंहगर के जसपुर निवासी फरहान ने तेजाब से हमला कर दिया।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 17 Dec 2022 08:24 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nainital High Court Decision : ऊधमसिंहनगर निवासी तेजाब पीड़िता गुलनाज खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार को 35 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह भी कहा कि पीड़िता का दिल्ली, चंडीगढ़ समेत जहां भी उपचार हो, वहां का खर्च व उसके साथ जाने वाले सहयोगी का खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करे।
जसपुर निवासी फरहान ने तेजाब से किया था हमला
पीड़िता गुलनाज ने अपनी याचिका में बताया कि 29 नवंबर 2014 को उस पर ऊधमिसंहगर के जसपुर निवासी फरहान ने तेजाब से हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 14 मार्च 2016 को उसे दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कैद व 20 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई। घटना के समय वह 12वीं की छात्रा थी। इससे उसका दाहिना कान पूरी तरह से खराब हो गया और दूसरे कान की सुनने की क्षमता भी 50 प्रतिशत चली गई।
चेहरा, छाती, हाथ भी झुलस गया। इस पर वर्ष 2019 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पीड़िता ने मुआवजे के तौर पर 50 लाख देने, निश्शुल्क सुविधा प्रदान करने व नौकरी के आदेश पारित करने की याचना की थी।
चिकित्सा और सर्जरी पर होने वाले सभी व्यय राज्य सरकार को वहन करने के आदेश
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि हाई कोर्ट में सीधे याचिका दायर नहीं करनी चाहिए। ऐसे प्रकरण में लाभ देने से सभी लोग इसी तरह की प्रतिपूर्ति चाहेंगे।
वहीं, गुलनाज की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के मामले में उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा, जबकि राज्य सरकार राजनीतिक मामलों में करोड़ों रुपये खर्च करती है।दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने पीड़िता को 35 लाख मुआवजे के अतिरिक्त चिकित्सा और सर्जरी पर होने वाले सभी व्यय राज्य सरकार को वहन करने के आदेश पारित किए।
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