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Nainital High Court Shifting को लेकर आया बड़ा फैसला, खंडपीठ ने कहा- 'अधिवक्ता व आमजन बताएंगे कोर्ट शिफ्ट हो या नहीं'

Nainital High Court Shifting हाई कोर्ट ने व्यापक जनहित को आधार मानकर नैनीताल से हाई कोर्ट को शिफ्ट किया जाना जरूरी बताया है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को उच्च न्यायालय की स्थापना न्यायाधीशों न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास कोर्ट रूम कान्फ्रेंस हाल कम से कम सात हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर कैंटीन पार्किंग स्थल के लिए सबसे उपयुक्त भूमि का पता लगाने का निर्देश दिया है।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 11 May 2024 12:29 PM (IST)
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Nainital High Court Shifting: एक माह में सीएम तलाशेंगे जमीन, रजिस्ट्रार जनरल की अध्यक्षता में समिति गठित
जागरण संवाददाता, नैनीताल: Nainital High Court Shifting: हाई कोर्ट ने व्यापक जनहित को आधार मानकर नैनीताल से हाई कोर्ट को शिफ्ट किया जाना जरूरी बताया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव (सीएस) से एक माह के भीतर हाई कोर्ट के लिए उपयुक्त स्थान बताने को कहा है।

साथ ही हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पोर्टल बनाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें अधिवक्ताओं व आमजन से सुझाव लिए जाएं कि वह नैनीताल से हाई कोर्ट शिफ्ट करने के पक्ष में हैं या नहीं। आदेश में यह भी कहा गया है कि हाई कोर्ट के लिए गौलापार में चयनित 75 प्रतिशत वन भूमि है और घना जंगल है। वहां पेड़ काटकर निर्माण उचित नहीं है। हाई कोर्ट भी इसके पक्ष में नहीं है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जून 2024 को होगी।

हाई कोर्ट को नैनीताल से स्थानांतरित करना आवश्यक

कोर्ट शिफ्टिंग मामले में खंडपीठ ने विस्तृत आदेश में हाई कोर्ट ने कहा है कि नैनीताल में वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों, चिकित्सा सेवा और कनेक्टिविटी की कमी है। इसके अलावा कोर्ट में 75 प्रतिशत से अधिक मामलों में राज्य सरकार के पक्षकार होने और अधिकारियों-कर्मचारियों के नैनीताल आने में टीए व डीए में होने वाले खर्च को देखते हुए हाई कोर्ट को नैनीताल से स्थानांतरित करना आवश्यक है।

आठ मई को आइडीपीएल ऋषिकेश से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए थे।

गुरुवार को ही दोपहर बाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन व अधिवक्ताओं का पक्ष भी सुना गया। इन तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए हाई कोर्ट को नैनीताल से स्थानांतरित करने के मुद्दे को शीघ्र निपटाने के लिए कोर्ट ने एक प्रक्रिया तैयार की है ।

सात जून तक कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेंगी मुख्य सचिव और समिति

हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को उच्च न्यायालय की स्थापना, न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास, कोर्ट रूम, कान्फ्रेंस हाल, कम से कम सात हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर, कैंटीन, पार्किंग स्थल के लिए सबसे उपयुक्त भूमि का पता लगाने का निर्देश दिया है। जहां अच्छी चिकित्सा सुविधाएं और अच्छी कनेक्टिविटी भी हो। यह प्रक्रिया मुख्य सचिव की ओर से एक महीने के भीतर पूरी की जाएगी। वह सात जून 2024 तक अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपेंगी।

इस मामले में रजिस्ट्रार जनरल की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया है। जिसमें विधायी और संसदीय कार्य के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव गृह, दो वरिष्ठ अधिवक्ता, उत्तराखंड राज्य बार काउंसिल की ओर से नामित एक सदस्य, बार काउंसिल आफ इंडिया से अध्यक्ष और एक अन्य इस समिति के सदस्य होंगे। यह समिति भी संबंधित पक्षों की राय लेने के बाद सात जून 2024 तक सीलबंद रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेगी। हाई कोर्ट की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि के बारे में सरकार की सिफारिश और विकल्पों के परिणाम को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा।

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