बिना बारिश के भी रिचार्ज होगी नैनी झील, आइएसडब्लूसी के साथ हुआ करार
नैनी झील अब बिना बरसात के भी रिचार्ज होती रहेगी। इस दिशा में कार्य करने के लिए सिंचाई विभाग ने आइएसडब्लूसी संस्था के साथ करार किया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 23 Jan 2019 11:11 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : नैनी झील अब बिना बरसात के भी रिचार्ज होती रहेगी। इस दिशा में कार्य करने के लिए सिंचाई विभाग ने आइएसडब्लूसी संस्था के साथ करार किया है। इसके लिए यह संस्था झील में गिरने वाले नालों को नई तकनीकि से बनाएगी, यह तकनीकी बिना किसी रुकावट के नालों के जरिए सारा पानी झील में एकत्र करेंगे। इसमें 499.50 लाख तथा 206.56 लाख का आगणन तैयार किया गया है। विभाग का दावा है कि नालों की मरम्मत के दो मीटर का हिस्सा कच्चा छोडऩे के बाद बैरियर लगाया जाएगा, तो इससे झील दो सौ बार रिचार्ज होगी। सिंचाई विभाग ने सूखाताल, नैनी झील संरक्षण के लिए नए प्रस्ताव तैयार किए हैं। प्रमुख सचिव सिंचाई की अध्यक्षता में दून में हुई बैठक के निर्णय के बाद नए प्रस्ताव बनाए गए हैं। इन प्रस्तावों पर इसी वित्तीय वर्ष में बजट आवंटन की पूरी संभावना है।
763.92 लाख में सूखाताल झील होगी पुनर्जीवितसूखाताल झील को पुनर्जीवित करने के लिए 763.92 लाख का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके अंतर्गत सूखाताल से निर्माण सामग्री का मलबा हटाया जाएगा साथ ही पानी स्टोर करने के लिए रिहायशी इलाके की तरफ से दीवार बनाई जाएगी। स्टोर किए गए पानी को नाला नंबर-23 से जोड़ा जाएगा। सूखाताल नैनी झील का जलागम है। पर्यावरणविद् अजय रावत ने बकायदा इसकी मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने तमाम दिशा-निर्देश भी सूखाताल से अतिक्रमण हटाने व पुनर्जीिर्वत करने को लेकर दिए गए हैं।
झील में गिरने वाल नालों के आएंगे अच्छे दिननैनी झील में गिरने वाले नालों के अच्छे दिए आएंगे। इसके तहत झील मे गिरने वाले 62 नालों की हालत सुधारी जाएगी। माल रोड क्षेत्र से गिरने वाले नालों के लिए 499.50 लाख का प्रावधान किया गया है। इसके तहत नालों में पैराफिट बनेंगे। दो मीटर का हिस्सा कच्चा छोडऩे के बाद बैरियर बनाया जाएगा। इससे ग्राउंड वाटर लेबल बढ़ेगा। इससे झील दो सौ बार रिचार्ज होगी। इसके अलावा ठंडी सड़क क्षेत्र में गिरने वाले नालों की मरम्मत पर 204.56 लाख खर्च का प्रावधान किया गया है।
डांठ पर इलेक्ट्रानिक गेट बनाए जाएंगेनैनी झील के ब्रिटिश कालीन गेटों के अलावा 73 लाख की लागत से दो नए गेट बनाए जाएंगे। ब्रिटिशकालीन पांच गेट हैं। अब गांधी मूर्ति के ठीक नीचे दो नए इलेक्ट्रानिक गेट बनाए जाएंगे। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता एनएस पतियाल ने उपरोक्त प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने की पुष्टिï करते हुए कहा कि इसी वित्तीय वर्ष में धनानावंटन के प्रयास किए जा रहे हैं।
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