Nainital Metropole सरोवर नगरी में पर्यटन सीजन में पार्किंग बड़ी समस्या बन गया है। अब जिला प्रशासन पूरी 8.72 एकड़ भूमि का उपयोग पार्किंग के लिए करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को गृह मंत्रालय भारत सरकार भेजा जाएगा। बता दें कि कुछ दिन पहले मेट्रोपोल क्षेत्र में शत्रु संपत्ति से 134 अवैध कब्जों को ढहाए गए हैं।
By kishore joshiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Tue, 25 Jul 2023 08:55 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नैनीताल: Nainital Metropole: शहर के मल्लीताल मेट्रोपोल क्षेत्र में शत्रु संपत्ति से 134 अवैध कब्जों को ढहाने के बाद अब जिला प्रशासन पूरी 8.72 एकड़ भूमि का उपयोग पार्किंग के लिए करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को गृह मंत्रालय भारत सरकार भेजा जाएगा।
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसका उपयोग पार्किंग के लिए हो सकेगा पूरी संपत्ति पर पार्किंग बनी तो इसकी क्षमता डेढ़ हजार वाहनों से अधिक होगी। जिला प्रशासन की मेट्रोपोल के 1880 में बने होटल के साथ ही अन्य अनुपयोगी भवनों को गिराने की योजना है। इसके लिए शासन को पत्राचार किया जा रहा है।
सरोवर नगरी में पर्यटन सीजन में पार्किंग बड़ी समस्या बन गया है।
पार्किंग की कमी की वजह से पर्यटक वाहनों को करीब छह किलोमीटर दूर रूसी बाइपास में पार्क किया जाता है। फिर पर्यटकों को शटल सेवा से शहर लाया जाता है। लग्जरी वाहनों को छह किमी दूर पार्क करने की वजह से उच्च आय वर्ग वाले पर्यटकों की आमद साल दर साल घट भी रही है। फिलहाल मेट्रोपोल के एक हिस्से में केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद 2019 से अस्थाई पार्किंग चल रही है।
गिराए जाएंगे पुराने भवन
शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में कभी 75 कमरों का होटल, 16 काटेज, 24 सर्वेंट क्वार्टर थे। वर्तमान में जिस हिस्से में पार्किंग है वह टेनिस कोर्ट था। अब इन गिराऊ व अनुपयोगी भवनों को गिराने की योजना है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि पूरी शत्रु संपत्ति में पार्किंग की योजना है।
लोक निर्माण विभाग को प्रोजेक्ट तैयार करने का जिम्मा दिया गया है। लोनिवि टीम ने निरीक्षण भी कर लिया है। भारत सरकार को पूरी शत्रु संपत्ति में पार्किंग की अनुमति देने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। पार्किंग से होने वाली आय गृह मंत्रालय के कोष में जमा होगी। इस पर तेजी से काम हो रहा है। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे।
कमिश्नर ने बारापत्थर में अवैध कब्जों की मांगी रिपोर्ट
बारापत्थर में वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत पर वन क्षेत्राधिकारी नितिन पंत के नेतृत्व में टीम पहुंची तो अवैध कब्जेदारों ने खुद ही कब्जे हटा दिए। जो नहीं हटा पाए हैं उन्होंने मोहलत मांगी है। कमिश्नर दीपक रावत ने बारापत्थर में अवैध कब्जे के बारे में विस्तार से रिपोर्ट वन विभाग से मांगी है। कमिश्नर के निर्देश पर विभाग की टीम दो दिन से बारापत्थर में अतिक्रमण का सर्वे कर रही है।
जीपीएस से मिलान के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। बताया जाता है कि बारापत्थर में करीब पांच सौ वर्ग मीटर वन भूमि पालिका ने घोड़ा स्टेंड के लिए लीज पर दी है। इस लीज की आड़ में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है। घोड़ों की लीद बहकर सीधे सड़ियाताल झील में जा रही है। झील के पास के जल स्रोत से ग्रामीणों को सप्लाई होती है। हाई कोर्ट भी बारापत्थर से अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित कर चुका है।
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