Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

नैनीताल में पलक झपकते पर्यटकों को पता चलेगी पार्किंग की अपडेट

नैनीताल में पार्किंग को क्यूआर कोड से जोड़ा गया है। इसमें नैनीताल की सभी पार्किंग को जोड़ा गया है। अब पर्यटकों को तुरंत की पार्किंग की अपडेट मिल जाएगी। इससे एक तो जाम नहीं लगेगा व पर्यटकों को परेशानी नहीं होगी।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Sat, 09 Apr 2022 04:43 PM (IST)
Hero Image
पर्यटक क्यूआर कोड स्कैन कर पार्किंग स्थलों की अप-टू-डेट जानकारी चंद मिनटों में अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल: पर्यटन सीजन में पर्यटकों को अब पार्किंग के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पार्किंग की तलाश में पर्यटक वाहन नहीं भटकेंगे तो सड़कों पर जाम भी नहीं लगेगा। पुलिस उपमहानिरीक्षक की पहल पर शहर की आधा दर्जन पार्किंग को क्यूआर कोड से जोड़ दिया गया है। पर्यटक क्यूआर कोड स्कैन कर पार्किंग स्थलों की अप-टू-डेट जानकारी चंद मिनटों में अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं। 

डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने तल्लीताल टोल टैक्स बूथ पर इस सुविधा का शुभारंभ किया। इस बार कोड को डायरेक्टर विकेंद्र इनोवेशन लैब्स लिमिटेड ने तैयार किया है, डीआइजी आफिस के संजय रावत व बृजेश यादव ने भी सहयोग दिया है। क्यूआर कोड में नैनीताल की अशोक टाकीज पार्किंग, फ्लैट मैदान पार्किंग, बीडी पांडेय अस्पताल के निकट की पार्किंग, सूखाताल में केएमवीएन पार्किंग व समीपवर्ती नारायणनगर की पार्किंग को जोड़ा गया है।

डीआइजी नीलेश आनंद ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। मैदानी शहरों से पहुंचने वाले अधिकांश पर्यटकों को पता नहीं होता कि नैनीताल व आसपास पार्किंग स्थल कहां-कहां हैं, कौन सी पार्किंग की क्षमता कितनी है। इस व्यवस्था से यह पता चल जाएगा कि किस पार्किंग की क्षमता क्या है, वहां कितनी जगह उपलब्ध है। 

इस सिस्टम में यह व्यवस्था की गई है कि जैसे ही पार्किंग फुल हो जाएगी तो पर्यटकों को क्यूआर कोड स्कैन कर दूसरी पार्किंग भेजा जाएगा। नए सिस्टम के आने वाले एडवांस वर्जन में यह व्यवस्था की गई है कि क्यूआर कोड स्कैन करते ही पर्यटकों की गाडिय़ों की नंबर प्लेट भी रीड होगी। बार कोड स्कैन करते ही पुलिस को वाहन मालिक का पता चल जाएगा, जिससे अन्य जनपद या शहरों से अपराध कर आने वाले व्यक्तियों को आसानी से गिरफ्त में लिया जा सकेगा।

एडवांस सिस्टम में यह भी पता चलेगा कि कौन से नंबर की कुल कितनी गाडिय़ां शहर में प्रवेश हो चुकी हैं, कितनी बाहर निकल चुकी हैं। बार कोड के लिए पर्यटकों को मोबाइल एप डाउनलोड की जरूरत नहीं है। सिर्फ मोबाइल कैमरे से सुविधा मिल सकेगी। इस अवसर पर कंपनी के डायरेक्टर विभोर गुप्ता, एसओ रोहिताश सागर, एसआइ सोनू बाफिला, शिवराज राणा आदि मौजूद थे।