अक्सर कहते थे संजय... कुछ ऐसा करो कि प्रेरणा बन जाओ; अब देश के लिए दे दी प्राणों की आहुति
Commando Sanjay Singh Bisht जम्मू के राजौरी सेक्टर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में बेतालघाट ब्लॉक स्थित रातीघाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय पैरा कमांडो नाइन पैरा (स्पेशल फोर्स) संजय सिंह बिष्ट ने देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए प्राण न्योछावर कर दिए। संजय हमेशा युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती होने या रोजगार के लिए प्रेरित करते रहते।
संवाद सूत्र, गरमपानी। मां भारती के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले पैरा कमांडो संजय सिंह बिष्ट जब भी छुट्टी पर घर आते तो युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती होने या रोजगार के लिए प्रेरित करते रहते। उनका मानना था कि जीवन में कुछ ऐसा करना चाहिए कि लोग याद रखें और किए गए कार्य प्रेरणा बन जाएं।
संजय के ताऊ थान सिंह ने बताया कि संजय इस बार एक माह की छुट्टी लेकर आए थे। वह हमेशा कहते थे कि ऐसा काम करना है कि गांव-परिवार का नाम हो जाए। राजौरी सेक्टर में संजय के बलिदान ने रातीघाट को गम दिया है तो गौरवान्वित भी किया है।
आत्मनिर्भरता का संदेश देते थे संजय
संजय चाहते थे कि पहाड़ के युवा फौज में जाकर देशसेवा के जज्बे को और मजबूत करें। हालांकि वह स्वरोजगार के भी पक्षधर रहे। स्वजन के अनुसार, संजय आत्मनिर्भरता से आर्थिकी मजबूत करने की सीख भी युवाओं को देते थे।
भाई को किया था प्रेरित
संजय के भाई नीरज बिष्ट ने बताया कि संजय ने उन्हें भी होमस्टे के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया था। बलिदानी होने की सूचना पर पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही व्यापारिक, गैर राजनीतिक, राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग परिवार को ढाढ़स बंधाते रहे।
घर पर उमड़ा हूजुम
उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत, तहसीलदार मनीषा मारकाना, चौकी प्रभारी दिलीप कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में लोग बलिदानी संजय सिंह के घर पहुंचे। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रेस को जारी संदेश में वीर जवान लांसनायक संजय बिष्ट को नमन कर श्रद्धांजलि दी है।
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शोक में डूबा रातीघाट क्षेत्र, नहीं मनाई गई बूढ़ी दीपावली
पैरा कमांडो संजय के बलिदानी होने की सूचना के साथ ही रातीघाट क्षेत्र शोक में डूब गया। शोकाकुल क्षेत्रवासियों ने बूढ़ी दीपावली भी नहीं मनाई। पूरा क्षेत्र अंधकार में डूबा रहा। लोगों ने बिजली की झालरें उतार दीं। बाजार भी धीरे-धीरे बंद होने लगा।