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उत्तराखंड की कुल देवी मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमा डोला भ्रमण के बाद झील में विसर्जित

नंदा देवी महोत्सव के अंतर्गत कुलदेवी नंदा-सुनंदा को नयना देवी मंदिर में डोला भ्रमण की औपचारिकता के बाद मूर्तियों को झील में विसर्जित किया गया। इस दौरान भक्त भावुक हो गए।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 28 Aug 2020 02:28 PM (IST)
उत्तराखंड की कुल देवी मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमा डोला भ्रमण के बाद झील में विसर्जित

नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल में श्री राम सेवक सभा की ओर से आयोजित नंदा देवी महोत्सव के अंतर्गत कुलदेवी नंदा-सुनंदा को नयना देवी मंदिर में डोला भ्रमण की औपचारिकता के बाद मूर्तियों को झील में विसर्जित किया गया। इस दौरान भक्त भावुक हो गए। इससे पहले देवी की आचार्य भगवती प्रसाद जोशी व अन्य पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई। इसके बाद भक्तों द्वारा डोला भ्रमण कराया गया।

इस दौरान मंदिर के गेट से बाहर सैकड़ों भक्तों व महिलाओं ने माता के जयकारे लगाए और सुख समृद्धि के साथ ही कोरोना महामारी के खात्मे की प्रार्थना की। महिलाओं ने माता की भक्ति के गीत गाकर माहौल को भक्तमय बना दिया। मूर्ति विसर्जन के दौरान माहौल बेहद भावुक हो गया और महिलाओं की आंखें बेटी की विदाई के पलों की तरह नम हो गई। नंदा सुनंदा को उत्तराखंड की कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं आती हैं। कदली वृक्ष से मूर्तियां तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मूर्ति विसर्जन के बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं।

इस अवसर पर विधायक संजीव आर्य, आयोजक समिति के जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी, भीम सिंह कार्की, कमलेश ढोंडियाल, हिमांशु जोशी, मोहित साह, अरविंद पडियार मनोज जोशी, किशन नेगी, समेत अन्य शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि इस बार कोरोना महामारी के चलते मां नंदा सुनंदा महोत्सव सांकेतिक रूप से मनाया गया। पहली बार कदली वृक्षों के साथ शोभायात्रा, माता का डोले का नगर भ्रमण, भंडारा, हवन, प्रसाद वितरण नहीं हो सका। भक्तों को स्थानीय चैनल व फेसबुक यूट्यूब से लाइव प्रसारण से ही संतोष करना पड़ा।

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