16 साल की उम्र में ही सवान बने शार्प शूटर, तीन नेशनल खेला, एक में फतह मिली
महज 16 साल की उम्र में दिलेरी के खेल का शौक रखने वाले सावन बड़े शूटरों के पसीने छुड़ा देते हैं। बचपन से लगा शौक कब जुनून बन गया पता ही नहीं चला।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 04 Feb 2019 07:43 PM (IST)
हल्द्वानी, रजत श्रीवास्तव : महज 16 साल की उम्र में दिलेरी के खेल का शौक रखने वाले सावन बड़े शूटरों के पसीने छुड़ा देते हैं। बचपन से लगा शौक कब जुनून बन गया पता ही नहीं चला। शूटिंग के खेल में दो बार नेशनल खेला और तीसरी बार में नेशनल जीतकर इंडियन टीम में जगह बना ली थी, मगर किस्मत ने फिर परीक्षा ली। आज सावन मंजिल को पाने के लिए लक्ष्य साध रहे हैं।
पिता से मिली थी प्रेरणा
मूल रूप से हल्द्वानी के मोटा हल्दू किशनपुर के रहने वाले सावन को शूटिंग का शौक उनके पिता जीवन सिंह मेहता से लगा। आर्मी में होने के कारण वह शूटिंग करते थे। वह भी उनके साथ जाते थे और आर्मी परिवेश को देखकर शूटिंग के शौक को जुनून बना लिया।16 साल की उम्र बने शार्प शूटर
महज 16 साल की उम्र में आज सावन के कुशल निशानेबाजी से बड़ों-बड़ों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं। पहली बार हल्द्वानी शूटिंग अकादमी से प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें उनकी उम्र के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया था। प्रदेश स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में हुनर आजमाया तो हौसला बढ़ा। प्री नेशनल में सफलता पाई। इसके बाद वह पल आया जब नेशनल में सिलेक्शन हुआ।
मूल रूप से हल्द्वानी के मोटा हल्दू किशनपुर के रहने वाले सावन को शूटिंग का शौक उनके पिता जीवन सिंह मेहता से लगा। आर्मी में होने के कारण वह शूटिंग करते थे। वह भी उनके साथ जाते थे और आर्मी परिवेश को देखकर शूटिंग के शौक को जुनून बना लिया।16 साल की उम्र बने शार्प शूटर
महज 16 साल की उम्र में आज सावन के कुशल निशानेबाजी से बड़ों-बड़ों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं। पहली बार हल्द्वानी शूटिंग अकादमी से प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें उनकी उम्र के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया था। प्रदेश स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में हुनर आजमाया तो हौसला बढ़ा। प्री नेशनल में सफलता पाई। इसके बाद वह पल आया जब नेशनल में सिलेक्शन हुआ।
केरल में जीती थी नेशनल प्रतियोगिता
सावन दो बार दिल्ली में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में शिकस्त खा चुके हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार मेहनत कर नेशनल तक पहुंचे, लेकिन फिर भी मंजिल नहीं मिल सकी। इसके बाद 2018 में केरल के त्रिवेंद्रपुरम में आयोजित प्रतियोगिता में जीत हासिल की और नेशनल प्रतियोगिता में जीतकर इंडियन टीम में सिलेक्शन हुआ। अब शूटिंग अकादमी में मांझ रहे
सावन मेहता इस वक्त तेजी के साथ खुद को मांझने की कोशिश में लगे हैं। मौजूदा समय में रायल शूटिंग स्पोर्टस एकेडमी में निशानेबाजी के हुनर को मांझ रहे हैं।
सावन दो बार दिल्ली में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में शिकस्त खा चुके हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार मेहनत कर नेशनल तक पहुंचे, लेकिन फिर भी मंजिल नहीं मिल सकी। इसके बाद 2018 में केरल के त्रिवेंद्रपुरम में आयोजित प्रतियोगिता में जीत हासिल की और नेशनल प्रतियोगिता में जीतकर इंडियन टीम में सिलेक्शन हुआ। अब शूटिंग अकादमी में मांझ रहे
सावन मेहता इस वक्त तेजी के साथ खुद को मांझने की कोशिश में लगे हैं। मौजूदा समय में रायल शूटिंग स्पोर्टस एकेडमी में निशानेबाजी के हुनर को मांझ रहे हैं।
केरल में आए थे बड़े शूटर
सावन पुलिस, आरपीएफ, आर्मी के साथ ही कई जगह प्रतिस्पर्धा कर चुके हैं। केरल में हुई प्रतियोगिता में अभिनव बिंद्रा, सौरभ चौधरी, विकास धामी भी आए थे।यह भी पढ़ें : आरपीएफ की परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थी को गार्डों ने बेरहमी से पीटा, जानिए कारण
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