एनसीईआरटी की किताबें हुईं अनिवार्य, मध्यवर्गीय परिवारों को मिली राहत
प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू कराना प्राथमिक व माध्यमिक एजुकेशन की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 01 Jan 2019 09:25 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और एनसीईआरटी की किताबें लागू कराना प्राथमिक व माध्यमिक एजुकेशन की दिशा में अहम कदम साबित हुआ। प्रदेश सरकार विशेष तौर से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का फैसला सामान्य व मध्यम वर्गीय परिवारों को काफी राहत देने वाला रहा।
निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों ने अभिभावकों की जेब पर भारी बोझ डाल दिया था। निजी प्रकाशकों के भिन्न-भिन्न दाम और स्कूलों की ओर से अपनी पसंद के प्रकाशकों की किताबें लगाने से अभिभावकों का बजट पूरी तरह बिगड़ गया था। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे लगातार इस पर बात कर रहे थे। अप्रैल से ठीक पहले सरकार ने इसका एलान कर अभिभावकों को राहत पहुंचाई। हालांकि यह राह आसान नहीं थी। शुरुआत में कुछ स्कूल संचालकों ने इसका विरोध भी किया। हालांकि बहुउपयोगी कुछ साइड बुक को लगाने की छूट दी गई। मगर सरकार ने इसके लिए भी आदेश दिया कि निजी प्रकाशकों की बुकें एनसीईआरटी की किताबों के दाम से मिलती-जुलती कीमत की होने चाहिए। अभिभावकों की मानें तो एनसीईआरटी की किताबें लागू होने से किताबों पर होने वाले खर्च में 70 से 80 फीसद तक कमी आ गई।
उम्मीद : फीस एक्ट लाने का इंतजार
किताबों में राहत मिलने के बाद अभिभावकों की उम्मीदें फीस एक्ट पर लगी हुई है। शिक्षामंत्री नए शिक्षा सत्र से पहले फीस एक्ट लाने की बात कह चुके हैं। प्रदेश सरकार फीस एक्ट लाने में सफल होती है तो इससे हर साल स्कूल ड्रेस बदलने, जरूरत से अधिक ड्रेस लगाने, हर साल फीस में मनमाफिक बढ़ोतरी जैसे अव्यवहारिक फैसलों पर रोक लगेगी। उत्तर प्रदेश समेत दूसरे कई राज्य फीस एक्ट लागू कर चुके हैं।
तकनीकी शिक्षा : नौ नए आइटीआइ को मिली मान्यता
प्रशिक्षण महानिदेशालय ने इस साल अप्रैल में उत्तराखंड में नौ नए आइटीआइ को मंजूरी प्रदान कर दी । टिहरी के कोटियार, उत्तरकाशी के डूंडा, मोरी, चमोली के पोखरी, नारायणबगड़, नंदासैण, हरिद्वार के खानपुर, नरसन, सिकरोड़ा में आद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) की मान्यता मिलने से तकनीकी शिक्षा की तरफ बढ़ रहे युवाओं को लाभ मिलेगा।
बदलता ट्रेड : फैशन डिजाइनिंग की शुरुआतबाजार की जरूरत के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में भी साल 2018 में अच्छी शुरुआत हुई। ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर व टनकपुर में फैशन डिजाइनिंग ट्रेड को मान्यता मिल गई। वहीं, टिहरी जिले के बौरारी और ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर महिला आइटीआइ में बेसिक कास्मेटोलॉजी यानी बेसिक सौंदर्य प्रशासन ट्रेड को भारत सरकार के कौशल विकास उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन आने वाले प्रशिक्षण महानिदेशालय ने मुहर लगा दी।
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