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Nepal Election 2022 : ओली ने सुदूर पश्चिम से ही भारत को कोसा और वहीं के मतदाताओं ने उन्हें नकारा

Nepal Election 2022 कालापानी मुद्दे को उछालकर भारत पर आरोप लगाने वाले केपी शर्मा ओली को सुदूर पश्बिचम में बस तीन सीटों ही मिलीं। ओली ने सुदूर पश्चिम से ही भारत पर कालापानी कब्जाने का आरोप लगाकर चुनावी संखनाद किया था।

By Jagran NewsEdited By: Skand ShuklaUpdated: Fri, 25 Nov 2022 07:58 AM (IST)
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कालापानी मुद्दे को उछालकर भारत पर आरोप लगाने वाले ओली को बस तीन सीटों से करना पड़ा संतोष
अभिषेक राज, हल्द्वानी : Nepal Election 2022 : नेपाल प्रतिनिधि सभा चुनाव परिणाम के शुरुआती चार दिनों के नतीजे नए राष्ट्र के निर्माण का संदेश दे रहे हैं। चीन से इतर भारत से नए संबंधों के बीच प्रधानमंत्री देउबा व प्रचंड के गठबंधन को बड़ी जीत मिलती दिख रही है। सबसे अहम संदेश उत्तराखंड से सटे सुदूर पश्चिम नेपाल ने दिया है।

असल में यहीं से चीन समर्थित पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने भारत को निशाना बनाने की शुरुआत की थी। कालापानी (Kalapani) को अपना बताते हुए चुनाव में विकास का मुद्दा भटकाने की पुरजोर कोशिश भी की। लेकिन यहां की 16 सीटें में से उन्हें मात्र तीन से ही संतोष करना पड़ा। वहीं, नेपाली कांग्रेस के सहयोगी दलों ने 10 सीटें जीतीं। ऐसे में नेपाल के जागरूक मतदाताओं ने ओली को बता दिया कि उनके लिए भारत की अहमियत चीन से कहीं ज्यादा है।

चुनाव प्रचार के समय नेपाली कांग्रेस गठबंधन गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और स्वास्थ्य पर बात कर रही थी। लेकिन नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मूलभूत मुद्दे से इतर चार नवंबर से सुदूर पश्चिम से ही भारत विरोध शुरू कर दिया। यहां से उन्होंने कालापानी को अपना बताया और कहा कि जिस तरह से इसे नये नक्शे में शामिल किया उसी तरह से लेकर भी रहेंगे।

इसके बाद उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ से सटे बैतड़ी व दार्चुला में भी इसी मुद्दे को दोहराया। 14 नवंबर को सुनसरी में हुई सभा में भी ओली के निशाने पर भारत ही रहा। वहीं, प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने अपनी सभाओं में भारत से सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया था। हर मंच से यही कहा था कि भारत हमारा मित्र राष्ट्र है।

सुदूर पश्चिम का जनादेश

संसदीय सीट              जीते प्रत्याशी            दल

बझांग                       भानुभक्त जोशी         एकीकृत समाजवादी (गठबंधन)

डोटी                         प्रेम वहादुर              आले एकीकृत समाजवादी

डडेलधुरा                   शेरबहादुर देउबा      नेपाली कांग्रेस

दार्चुला                       दिलेंद्र प्रसाद बडू       नेपाली कांग्रेस

अछाम-1                    शेर बहादुर कुंवर       एकीकृत समाजवादी

अछाम-2                    पुष्प बहादुर शाह       नेपाली कांग्रेस

कंचनपुर-1                 तारा लामा तामांग      नेकपा एमाले

कंचनपुर-2                 एनपी साउद नेपाली   कांग्रेस

कंचनपुर-3                 रमेश लेखक नेपाली   कांग्रेस

बाजुरा                       कर्ण बहादुर थापा      नेकपा एमाले

बैतड़ी                        दामोदर भंडारी         नेकपा एमाले

कैलाली-1                   रंजिता श्रेष्ठ                नागरिक उन्मुक्ति पार्टी

कैलाली-2                   अरुन कुमार चौधरी    नागरिक उन्मुक्ति पार्टी (बड़े अंतर से आगे)

कैलाली-3                   गंगा राम चौधरी          नागरिक उन्मुक्ति पार्टी

कैलाली-4                   विर बहादुर बलायर    नेपाली कांग्रेस

कैलाली-5                   डिल्ली राज पंत         नेपाली कांग्रेस (बड़े अंतर से आगे)

20 नवंबर को हुआ था मतदान

नेपाल में संघीय संसद की 275 और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान हुआ था। मतगणना 21 नवंबर से शुरू की गई। संपूर्ण परिणाम आने में अभी दो दिन और लगने का अनुमान है।

संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से चुना जाएगा। इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष मतदान, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा।

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