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नेपाल ने कालापानी क्षेत्र में बढ़ाई सैन्य गतिविधि, गृह मंत्रालय को भेजी गई बॉर्डर की रि‍पोर्ट

चीन सीमा तक बनी गर्बाधार-लिपुलेख सड़क को अतिक्रमण बता विरोध करने वाले नेपाल ने बुधवार को विवादित कालापानी क्षेत्र में सशस्त्र प्रहरी बल का बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) स्थापित कर दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 15 May 2020 08:12 AM (IST)
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नेपाल ने कालापानी क्षेत्र में बढ़ाई सैन्य गतिविधि, गृह मंत्रालय को भेजी गई बॉर्डर की रि‍पोर्ट
अभिषेक राज, हद्वानी : चीन सीमा तक बनी गर्बाधार-लिपुलेख सड़क को अतिक्रमण बता विरोध करने वाले नेपाल ने बुधवार को विवादित कालापानी क्षेत्र में सशस्त्र प्रहरी बल का बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) स्थापित कर दिया। इस बीच नेपाल की पूरी गतिविधि पर एसएसबी के साथ ही पिथौरागढ़ जिला प्रशासन भी नजर बनाए हुए है। गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी गई है।

कैलास मानसरोवर यात्रा को आसान बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने गर्बाधार से लिपुलेख तक करीब 80 किलोमीटर लंबी सड़क तैयार की है। इससे दिल्ली से कैलास मानसरोवर की यात्रा बस सात दिनों में ही पूरी हो जाएगी। भारतीय सेना और अर्धसैनिकों की आवाजाही भी चीन सीमा के अग्रिम पोस्टों तक आसान होगी। इस उपलब्धि पर मित्र राष्ट्र नेपाल के बोल आठ मई को उद्घाटन के दिन से ही बदल गए।

नेपाल सरकार ने इसे अपनी भूमि पर अतिक्रमण करार देकर विरोध जताया। नेपाली विदेश मंत्रालय ने तो बकायदा विज्ञप्ति जारी कर भारत से विरोध दर्ज किया। पूरे देश में भारत के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया। इस बीच बुधवार को नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल ने कालापानी क्षेत्र के व्यास गांवपालिका छांगरु में बीओपी स्थापित कर करीब 25 जवानों को तैनात कर दिया। इस मौके पर धबार सशस्त्र प्रहरी के कार्य एवं सीमा सुरक्षा विभाग के प्रमुख एआइजी नारायण बाबू थापा भी मौजूद रहे।

हेलीकॉप्टर से पहुंचा नेपाली दल बीओपी पर जवानों को तैनात करने के लिए नेपाली सेना के हेलीकॉप्टर एम-16 का प्रयोग किया गया। दल के में नेपाली गृह मंत्री रामबहादुर थापा के सुरक्षा सलाहकार इंद्रजीत राई के साथ ही 12 अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

पहले मात्र तीन महीने की थी चौकी

नेपाल के उच्च हिमालय क्षेत्र छांगरु में अभी तक तीन माह संचालित होने वाली नेपाल प्रहरी ( पुलिस ) चौकी थी। जून में क्षेत्र में बर्फ पिघलने के बाद वह खुलती थी और फिर तीन माह बाद बंद हो जाती थी। अब एसएसबी की तर्ज पर सशस्त्र प्रहरी बल की बॉर्डर आउट पोस्ट खुली है। यह साल भर संचालित होगी। सशस्त्र प्रहरी बल की उच्च हिमालय में यह पहली चौकी है।

25 जवान और नौ पुलिस के जवान तैनात रहेंगे

बीओपी में सशस्त्र प्रहरी बल के 25 जवान और नौ पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। हैलीकॉप्टर से सामान पहुंंचाया गया। बीओपी के लिए सरकार ने 11 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस समय एक किराए के मकान में बीओपी खोली गई है।

चीन के इशारे पर ये सब कर रहा है नेपाल

भारत-नेपाल संबंधों के जानकार रिटायर्ड मेजर बीएस रौतेला ने बताया कि नेपाल का उद्देश्य गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग की निगरानी हो सकता है। असल में वह चीन के इशारे पर ऐसा कर रहा है। हालांकि इससे हमारी तैयारी प्रभावित होने वाली नहीं। नेपाल मित्र राष्ट्र है, लेकिन उसकी हाल की गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है : डीएम

डीएम पिथौरागढ़ डॉ. वीके जोगदंडे ने बताया कि छांगरू में नेपाल सशत्र बल के बीओपी खुलने की एसएसबी से सूचना मिली है। प्रशासन पूरे मामले में नजर रखे हुए है। रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है। एससी कुंडू, डिप्टी कमांडेंट, 11वीं वाहिनी एसएसबी ने कहा कि नेपाल मित्र राष्ट्र है। सीमा पर भारत में भी एसएसबी की चौकियां हैं। नेपाल में भी सशस्त्र बल की बीओपी खोली गई है। इससे अब एसएसबी की भी सक्रियता बढ़ जाएगी।

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