India-Nepal Border Dispute: बढ़ रहा नेपाल का दुस्साहस, सीमा पर तीन और बीओपी चौकियां खोलीं
नेपाल ने उच्च हिमालय में छांगरु के बाद अब झूलाघाट और पंचेश्वर मेंं भी बीओपी चौकी (बॉर्डर आउट पोस्ट) खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है। लाली में चौकी खुल चुकी है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 21 May 2020 10:56 AM (IST)
पिथौरागढ़/ झूलाघाट, जेएनएन : सीमा तक बनी गर्बाधार-लिपुलेख सड़क को अतिक्रमण बता विरोध करने वाले नेपाल ने उच्च हिमालय में छांगरु के बाद अब झूलाघाट और पंचेश्वर मेंं भी बीओपी चौकी (बॉर्डर आउट पोस्ट) खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है। लाली में चौकी खुल चुकी है। झूलाघाट में चौकी के लिए भारत-नेपाल को जोडऩे वाले अंतर्राष्ट्रीय पुल से लगे किराए पर लिए गए मकान में सारी तैयारी कर ली गई है। शुक्रवार को जवान तैनात हो जाएंगे। पंचेश्वर में एक सप्ताह के भीतर नेपाल सशस्त्र बल के जवान तैनात हो जाएंगे। लाली में बीओपी चौकी कार्य करने लगी है। यहां पर जवान तैनात कर दिए गए हैं।
नेपाल में उच्च हिमालयी छांगरु में जोरशोर से नेपाल सशस्त्र बल की बीओपी चौकी खोलने के साथ ही नेपाल में पिथौरागढ़ से लगी सीमा पर तीन अन्य बीओपी भी बन चुकी हैं। जिसमें जौलजीवी - झूलाघाट के मध्य लाली में नेपाल सशस्त्र बल की बीओपी चौकी कार्य करने लगी है। नेपाल का लाली भारत के पीपली क्षेत्र के सामने पड़ता है। झूलाघाट में अंतर्राष्ट्रीय पुल से लगे तीन मंजिला मकान को किराए पर लिया गया है। इस चौकी पर शुक्रवार को जवान तैनात हो जाएंगे। यह क्षेत्र नेपाल के दशरथ चंद नगर पालका के वार्ड नंबर आठ में पड़ता है।
पंचेश्वर में नेपाल की बीओपी चौकी गांवपालिका रौलधार में खुल रही है। जहां पर मकान किराए पर ले लिया गया है। यहां पर एक सप्ताह के भीतर जवान तैनात होने वाले हैं। सीमा पर दार्चुला के खलंगा में पूर्व से ही बीओपी चौकी है। छांगरु, खलंगा और लाली बीओपी चौकी नेपाल के दार्चुला जिले में और झूलाघाट और पंचेश्वर चौकी बैतड़ी जिले में आती हैं। दार्चुला जिले की चौकियां नेपाल सशस्त्र बल की 50वीं गुल्म (बटालियन ) और बैतड़ी की दो चौकियां बल की 51 वी गुल्म की हैं।
सोशल मीडिया पर उगला जा रहा भारत के खिलाफ जहर नेपाल के सुदूर पश्चिमांचल क्षेत्र में भारत विरोधी संगठन सक्रिय हैं। इन संगठनों में नेपाल कम्युनिस्ट पाटी (नेकपा ) के भातृत्व संगठन अखिल नेपाल स्वतंत्र विद्यार्थी यूनियन, नेपाली कांग्रेस और उसके भातृत्व संगठन नेपाली विद्यार्थी संघ, नेपाल युवा परिषद सहित कुछ संगठन शामिल हैं। इस समय नेपाल में लॉकडाउन के चलते सड़कों पर उतर कर विरोध नहीं हो सकता परंतु नेपाल की सोशल मीडिया में इन संगठनों द्वारा जमकर भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है।
नेपाल के सात युवा कालापानी क्षेत्र में झंडा लगाने टिंकर रवानाभारत विरोधी युवा संगठनों के सात सदस्य तीन दिन पूर्व 18 मई को कालापानी क्षेत्र में अपना झंडा लगाने के लिए दार्चुला और बैतड़ी जिले के केंद्र में स्थित लेकम गांवपालिका के सात युवक सुरेंद्र बिष्ट के नेतृत्व में कालापानी क्षेत्र की तरफ रवाना हुए हैं। युवाओं के इस दल ने लेकम गांव पालिका के सर्मोली से मार्च किया। जानकारी के अनुसार दल मार्मा क्षेत्र से दुहू, दुहू से सुनसेरा, रापला होते हुए छांगरु जाएगा। जहां कालापानी क्षेत्र टिंकर में लगे पिलर तक जाने का लक्ष्य है।
नेपाल की सुरक्षा एजेंसी रास्ते में ही रोकेगी दल को नेपाल बैतड़ी जिले के सीडीओ आनंद पौडेल ने कहा कि नेपाल में इस समय लॉकडाउन है। किसी को भी इस तरह की अनुमति नहीं है। इस दल को नेपाल की सुरक्षा एजेंसी रास्ते में ही रोक देगी। सीमा पर झूलाघाट और पंचेश्वर मे बीओपी चौकी पूर्व से प्रस्तावित थीं। दोनों स्थानों पर नेपाल सशस्त्र बल की 51वीं गुल्म की बीओपी चौकी खुल रही है।
विधायक धामी ने बताया दुराग्रहधारचूला के विधायक हरीश धामी ने कहा कि कालापानी को लेकर नेपाल के कुछ संगठन विवाद करते हैं। जबकि नेपाल के छांगरु और टिंकर में भारत के गुंजी और गब्र्यांग गांवों के ग्रामीणों की जमीन है। भारतीयों की जमीन नेपाल में है, नेपाल का भारत में कुछ भी नहीं है। कालापानी, लिपूलेख सभी हमारे हैं। उन्होंने कहा कि गुंजी, गब्र्यांग, नाबी के बुजुर्ग बताते हैं कि उनकी जमीन नेपाल के कालापानी क्षेत्र के टिंकर और नेपाल में है। उन्होंने नेपाल के कुछ संगठनों द्वारा विवाद खड़ा करने को उन्होंने दुर्भाग्य बताया। बकायदा पत्रकारों से वार्ता करते हुए विधायक धामी ने कहा कि सीमा पर निवास करने वाले उनकी विधानसभा क्षेत्र के सभी लोग सीमा प्रहरी हैं। जबरन विवाद पैदा करने पर विधान सभा का एक -एक व्यक्ति सीमा की सुरक्षा के लिए खड़ा मिलेगा।
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