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coronavirus : एहतियात के तौर पर नेपाल ने बंद कर दिया आठ मैत्री बसों का संचालन

दुनिया भर में कोरोना वायरस के पैर पसारने के बाद पड़ोसी देश नेपाल ने भी एहतियातन नेपाल से भारत के लिए चलने वाली आठ मैत्री बसों का संचालन बंद कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 17 Mar 2020 11:55 AM (IST)
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coronavirus : एहतियात के तौर पर नेपाल ने बंद कर दिया आठ मैत्री बसों का संचालन
चंपावत, जेएनएन : दुनिया भर में कोरोना वायरस के पैर पसारने के बाद पड़ोसी देश नेपाल ने भी एहतियातन नेपाल से भारत के लिए चलने वाली आठ मैत्री बसों का संचालन बंद कर दिया है। भारत पहले ही चार मैत्री बसों का संचालन बंद कर चुका है। काेरोना के खतरे को देखते हुए भारत-नेपाल बार्डर पर स्थित बनबसा को काफी संवेदनशील माना जा रहा है। बसों का संचालन बंद करने को लेकर नेपाली प्रशासन का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों बढ़ने की रिपोर्ट आ रही है, इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है।

नेपाल सीमा पर स्क्रीनिंग, अभी सब ठीक

कोरोना वायरस को लेकर नेपाल सीमा पर चिकित्सा शिविर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच और स्क्रीनिंग जारी है। नेपाल से आने वालों की काउंसलिंग की जा रही है। झूलाघाट में अब तक 2400 लोगों की स्क्रीनिंग और काउंसलिंग की गई। अभी तक कोई भी संदिग्ध नहीं मिला है। जिले में भारत-नेपाल सीमा पर सात स्थानों पर वैध आवाजाही होती है। झूलाघाट, डौड़ा, जौलजीवी, बलुवाकोट , धारचूला, एलागाड़ और सीता पुल हैं। सीता पुल उच्च हिमालय में है। उच्च हिमालय में बर्फ होने के कारण इस समय पुल से किसी तरह की आवाजाही नहीं हो रही है। झूलाघाट और धारचूला पुल सबसे अधिक व्यस्ततम पुल हैं। बलुवाकोट और जौलजीवी पुलों पर आवाजाही सामान्य रहती है। इन सात पुलों में झूलाघाट पुल पर सबसे अधिक आवाजाही होती है।

भारत-नेपाल सीमा पर लगाए गए हैं शिविर

भारत में विगत 29 जनवरी से पुलों पर चिकित्सा विभाग के शिविर लगे हैं। इन शिविर में नेपाल से आने वाले लोगों की जांच होती है और काउंसलिंग की जाती है। शिविर में 29 जनवरी से 15 मार्च के बीच  24 सौ लोगों की स्क्रीनिंग के अलावा काउंसलिंग की जा चुकी है। शिविर में तैनात चिकित्सा कर्मियों के अनुसार अभी तक कोई भी संदिग्ध नहीं मिला है। बीते दिनों झूलाघाट पुल पर जांच के लिए अल्मोड़ा जिले से दो चिकित्सकों को तैनात किया गया था। एक पखवाड़ेे पूर्व दोनो चिकित्सक लौट चुके हैं। वर्तमान में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मी तैनात हैं। शिविर में तैनात पीएचसी के सुरेंद्र चौहान और राकेश गिरी ने बताया कि अभी तक कोई भी संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया है।  इन  मार्गो का नेपाल छोड़ कर अन्य विदेशी प्रयोग नहीं के बराबर करते हैं।

पांच स्थानों पर चल रही है नाव

झूलाघाट से पंचेश्वर के मध्य भारत और नेपाल के मध्य पांच स्थानों पर नावों से आवाजाही हो रही है। नावों का संचालन नेपाल से होता है। नेपाल प्रशासन द्वारा इन स्थानों पर जांच के लिए जांच टीम तैनात करने का आश्वासन दिया था। प्राप्त समाचारों के अनुसार अभी तक नेपाल सरकार द्वारा जांच टीम तैनात नहीं की गई है। भारत द्वारा भी इन स्थलों पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। भारत में यह स्थल अधिकृत नहीं हैं।

नेपाल के 59 छात्र नहीं आएंगे उत्तराखंड

कोरोना अलर्ट की वजह से नेपाल के एक कॉलेज के छात्र उत्तराखंड के जंगलों का फिलहाल अध्ययन नहीं कर पाएंगे। एफटीआइ ने छात्रों की बुकिंग कैंसिल कर दी है। 15 से 27 मार्च तक दल को वानिकी प्रशिक्षण अकादमी, फॉरेस्ट रिसर्च ऑफ इंडिया के अलावा वानिकी से जुड़े अन्य संस्थानों के साथ ही जंगल का निरीक्षण कर पर्यावरण व वनस्पति विज्ञान को समझना था।रामपुर रोड स्थित वानिकी प्रशिक्षण अकादमी में रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड व फॉरेस्टर को ट्रेनिंग दी जाती है। नेपाल में स्थित बीएससी फॉरेस्टी से जुड़े कॉलेजों के छात्र भी यहां रिसर्च को आते हैं, जिसके बाद वह पूरे प्रदेश का दौरा करते हैं। 15 से 27 मार्च के बीच हेथेड़ा कॉलेज के 59 सदस्यीय दल को शैक्षिक भ्रमण पर पहुंचना था, मगर कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए उनका टूर रद कर दिया गया है।

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