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तैरना आता तो पुलिस की कस्टडी से फरार तस्कर भाग जाता नेपाल nainital news

बनबसा पुलिस की कस्टडी से फरार हुए चरस तस्कर को पुलिस वन विभाग व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से आखिरकार चार दिन के बाद दबोच गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 15 Nov 2019 12:53 PM (IST)
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तैरना आता तो पुलिस की कस्टडी से फरार तस्कर भाग जाता नेपाल nainital news
चंपावत : चंपावत जिले के बनबसा पुलिस की कस्टडी से फरार हुए चरस तस्कर को पुलिस, वन विभाग व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से आखिरकार चार दिन के बाद दबोच गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया। गनीमत रही कि तस्कर को तैरना नहीं आता था। यदि वह तैरना जानता तो शारदा नदी पार कर नेपाल आसानी से भाग सकता था। नदी के तट तक पहुंचने के बाद वह नदी पार करने का साहस नहीं जुटा पाया ओर वहां से जंगल की ओर चला गया।

इन चार दिनों तक तस्कर ने पुलिस को खूब छकाया। दिन के समय वह नेपाल भागने के लिए रास्ता तलाशता रहा तो शाम होते ही जंगली जानवरों के भय से पेड़ों पर चढ़कर रात गुजारता रहा। बताया जा रहा है कि शातिर तस्कर शारदा बैराज से भागने में असफल रहने के बाद चल्थी के रास्ते झूलाघाट पुल से नेपाल जाने की फिराक में था। उसने लोगों से चल्थी तक की दूरी भी पूछी, लेकिन इससे पूर्व ही वह पुलिस के जाल में फंस गया। पकड़े जाने के बाद पूछताछ में उसने पुलिस को पूरी कहानी सुनाई। उल्लेखनीय है कि चार दिन पूर्व बनबसा पुलिस ने नेपाल के गणेश बोहरा पुत्र विष्णु बोहरा निवासी ग्राम सुईल वार्ड नंबर 11 को 5.750 किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस द्वारा चम्पावत कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया रहा था। इस बीच बस्तिया व आठवी मील के पास लघुशंका बताते हुए चकमा देकर पूर्व दिशा की ओर भाग निकला। जिसे पकडऩे के लिए तमाम सुरक्षा एजेंसियां जंगल के अलावा नेपाल सीमा क्षेत्र में लगाई गई थी। बुधवार को नेपाल सीमा से लगे खिरद्वारी गांव के पास पुलिस ने उसे पकड़ लिया गया। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच तस्कर को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। इस दौरान पुलिस का एक वाहन टनकपुर एसएसआइ आरएस डांगी व दूसरा चल्थी चौकी प्रभारी हरीश प्रसाद के नेतृत्व में लाया गया। डांगी एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे की तो हरीश भागने वाले मुकदमे की जांच कर रहे हैं।

जुए में रकम हारने पर तस्करी का उठाया कदम

पुलिस के हत्थे चढ़े गणेश ने बताया कि वह दीपावली पर्व पर जुए में 20 हजार रुपये की रकम हार गया था। इससे वह काफी आहत था। इस भरपाई को पूरा करने के लिए चरस तस्करी करने का निर्णय लिया।

चार दिन में एक रोटी हुई नसीब

तस्कर चार दिन तक जंगलों की खाक छानता रहा। इस बीच उसने जंगल में बेर, आंवला व पानी पीकर अपनी भूख व प्यास मिटाई। जब वह खिरद्वारी गांव पहुंचा तो खेत में कार्य कर रही महिला के पास बची एक रोटी ही उसे मांगने पर नसीब हो पाई। जब देर सांय उसे टनकपुर कोतवाली में लाया गया तो उसने नौ रोटी खाने की डिमांड पुलिस से की। पुलिस के मेडीकल परीक्षण में वह पूर्ण रूप से स्वस्थ पाया गया।

पुलिस को दे गया नसीहत

चरस तस्कर पुलिस को नसीहत भी दे गया। बिना मुस्तैदी और असलहों के कैदियों को न्यायालय में पेश करना खतरे से खाली नहीं है, पुलिस ने यह सीख इस घटना के बाद सीख ली है। आला अधिकारियों ने भी संबंधित थानाध्यक्षों को इस बात का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं कि पुलिस अभिरक्षा के दौरान किसी भी कैदी का अनुरोध रास्ते में स्वीकार न किया जाए।

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