भारत के विरोध में जहर उगल रहे नेपाली एफएम, कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को बता रहा अपना
नेपाल में भारत विरोध के सभी हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के बाद अब एफएम के माध्यम से भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है।
नेपाली एफएम में अभी तक गीत, संगीत के साथ ही दूसरे मनोरंजक प्रोग्राम ही चलते थे। भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसे सुना जाता था। कई कार्यक्रम इतने चर्चित हुए कि लोगों की जुबां पर उनके नाम चढ़ गए। अब उसी एफएम चैनल पर कालापानी हम्रो हो (कालापानी हमारा है) कहा जाने लगा। इधर तो हद ही हो गई।
एफएम पर कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के मौसम को भी भविष्यवाणी की जाने लगी। इस नेपाली एफएम का हेडक्वार्टर जिला मुख्यालय दार्चुला के चरबगड़ के पास है। इसकी क्षमता तीन किमी दूर तक सुनने की है। इससे भारतीय क्षेत्र धारचूला, कालिका, बलुवाकोट, ढुंगातोली, जौलजीवी तक सुना जाता है। इस संबंध में अभी भारतीय प्रशासन अनभिज्ञता दर्शा रहा है। मामले में सीओ विमल कुमार आचार्य ने बताया कि अभी तक किसी भी एफएम पर प्रसारण की सूचना नहीं है। पुलिस की अभिसूचना इकाई को इस संबंध में जानकारी जुटाने को कहा गया है।
धोती कह लूटने का लगाया जाता है आरोप
नेपाली सोशल मीडिया में भारत का विरोध प्रचंड रू प से हो रहा है। धोती का तात्पर्य व्यापारी होता है। फेसबुक में भारतीयों को धोती कहते हुए नेपालियों को लूटने का आरोप लगाया जाता है। कहा जाता है कि हमे सामान बेच कर भारतीय लोग व्यापारी बने हैं। भारतीयों को धोती बताकर फेसबुक में जमकर चैटिंग होती है। भारत पर तमाम आरोप लगा कर गाली, गलौच की जाती है। रं कल्याण संस्था के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा गब्र्याल बताते हैं कि आम नेपाली को तो इससे कुछ लेना देनी नहीं है परंतु सोशल मीडिया में कुछ लोग बेहद सक्रिय रहते हैं।
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