नेपाल के वाणिज्य मंत्री ने ड्राई पोर्ट व पंचेश्वर बांध को बताया दोनों देशों की जरूरत nainital news
नेपाल सरकार के वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री लेखराज भट्ट ने भारत-नेपाल सीमा पर प्रस्तावित ड्राई पोर्ट (सूखा बंदरगाह) का निरीक्षण किया और चम्पावत में पंचेश्वर बांध को जरूरी बताया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 08 Feb 2020 04:43 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर/चम्पावत, जेएनएन : नेपाल सरकार के वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री लेखराज भट्टï ने भारत-नेपाल सीमा पर प्रस्तावित ड्राई पोर्ट (सूखा बंदरगाह) का निरीक्षण किया। उन्होंने महाकाली नगर पालिका में प्रस्तावित दैजी छेला औद्योगिक क्षेत्र का भी इस दौरान जायजा लिया। इसके साथ ही चम्पावत के टनकपुर भी गए, जहां उन्होंने कहा कि भारत व नेपाल देश के हित के लिए पंचेश्वर बांध निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा को शारदा नदी से जोडऩे वाले परशुराम घाट से परीगांव नेपाल से दोनों देशों के लोगों की आवाजाही के लिए बांध का निर्माण कार्य भी होना चाहिए। नेपाल सरकार ने कंचनभोज में 200 बीघा भूमि ड्राई पोर्ट के लिए स्वीकृत की है। नेपाल के केंद्रीय मंत्री भट्टï ने अपने क्षेत्र में प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया। इसी के साथ एक बार फिर सूखा बंदरगाह के निर्माण की उम्मीद जग गई है। महेंद्रनगर नेपाल के सांसद दीपक भट्टï ने बताया कि उनकी सरकार की ओर से ड्राई पोर्ट बनाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। यहां निरीक्षण के बाद सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। हालांकि भारत सरकार की ओर से तैयारियों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। भारत-नेपाल के साझा कार्यक्रम के तहत इस क्षेत्र को सीधे दिल्ली से जोडऩे की योजना है।
भारत-नेपाल के हित में पंचेश्वर बांध का निर्माण जरूरी : भट्ट
टनकपुर : चम्पावत में मंत्री का टनकपुर उद्योग व्यापार मंडल द्वारा स्वागत समारोह कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें मंत्री भट्ट ने कहा कि भारत व नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंध चले आ रहे है। दोनों देशों के बीच मैत्रिक संबंध के साथ-साथ व्यापारिक संबंध भी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी वार्ता के बाद ही भारत नेपाल सीमा में आ रहे विवाद को भी सुलझाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंचेश्वर बांध बनने से दोनों देशों को पर्याप्त लाभ मिलेगा। इस बांध निर्माण में आ रही कुछ अड़चनों को दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है। इसके लिए दोनों सरकार युद्ध स्तर पर प्रयासरत भी है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डडेलधूरा नेपाल के परी गांव से भारत व नेपाल में आवाजाही के लिए परशुराम घाट के पास पुल का निर्माण कार्य भी जरूरी है। परशुराम घाट में हर वर्ष बढ़े स्तर पर मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें दोनों देशों के लोग भारी संख्या में हिस्सा लेते है। यहां पुल निर्माण होने से दोनों देशों के लोगों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी।
पुल न होने से लोगों को ट्यूब व अन्य कच्चे नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर आरपार करना पड़ता है। जबकि बरसात शारदा नदी उफान पर होने पर दोनों देशों की आवाजाही भी ठप हो जाती है। टनकपुर बैराज से ब्रहमदेव मंडी नेपाल के लिए छूट गया मार्ग का निर्माण कार्य आपसी समझौते के बाद शीघ्र शुरू करा दिया जाएगा। इस अवसर पर नेपाल से आए संघीय सांसद डॉ. दीपक प्रकाश भट्ट, प्रदेश सभा सांसद मानबहादुर सुनार, कंचनपुर के मेयर सुरेंद्र बिष्ट, सचिव यमन कुमारी खतीवोडा, बेतकोट नगर पालिका के मेयर अशोक चंद, सांसद नर बहादुर धामी व व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रकाश मुरारी आदि मौजूद रहे।
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