Uttarakhand: चाकू खरीदकर लाया भतीजा और रेत दिया चाची का गला, बोला 'नहीं हो पा रहा था बंटवारा, इसलिए मार दिया'
Uttarakhand Crime पुलिस ने कुसुम गुप्ता हत्याकांड का 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया है। हत्यारोपित गौरव ने पुलिस को बताया कि वह घर से मन बनाकर निकला था कि चाची की हत्या कर देगा। उसने बर्तन बाजार में जाकर एक चाकू खरीदा। कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया है। वहीं कुसुमलता के भाई ने हत्याकांड के पीछे कुछ और वजह बताई है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Uttarakhand Crime: पुलिस ने कुसुम गुप्ता हत्याकांड का 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया है। संपत्ति विवाद में चाची का बार-बार दखल देना भतीजे को रास नहीं आया। इसलिए उसने बाजार से चाकू खरीदा और दिनदहाड़े घर में घुसकर चाची का गला रेत दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हुए हत्यारोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया है।
मंगलवार को पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन में एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि रामपुर रोड गली नंबर आठ निवासी कालीचरण पिछले पांच साल से नवाबी रोड पर गली नंबर एक में 55 वर्षीय पत्नी कुसुम गुप्ता के साथ रहते हैं। बेटी शुभांषी गुरुग्राम में नौकरी कर रही है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को कालीचरण राशन लेने के लिए रामपुर रोड स्थित समता आश्रम गली गए थे। पत्नी घर में अकेली थी। दोपहर करीब 12 बजे उनके दो मंजिला मकान में चीख पुकार सुनाई पड़ी। इस पर घर के नीचे कबाड़ की दुकान चलाने वाले लालाराम व उनका बेटा विनोद कमरे में पहुंचे। जहां उनकी पत्नी खून से लथपथ पड़ी थी।
उपचार के बाद महिला ने दम तोड़ दिया
विनोद ने फोन कर कालीचरण को सूचना दी। महिला को उपचार के लिए नैनीताल रोड स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया। दो घंटे चले उपचार के बाद महिला ने दम तोड़ दिया था। एसपी सिटी ने बताया कि घटना के बाद महिला के पति की तहरीर पर उनके भतीजे बालाजी अस्पताल के पास गली नंबर एक कपिल कालोनी मुखानी निवासी गौरव गुप्ता को पर हत्या की धारा में प्राथमिकी कर तलाश शुरू की।
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मंगलवार को उसे रुद्राक्ष वाटिका के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूरी घटना की वजह संपत्ति का विवाद है। गौरव ने पुलिस को बताया है कि मुखानी में कमरों को लेकर भाइयों का आपस में विवाद चल रहा है।
चाची कुसुम हर बार इस मामले में दखलंदाजी करती थी। जिसके कारण संपत्ति का बंटवारा नहीं हो पा रहा था। इसलिए उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस टीम में कोतवाल उमेश कुमार मलिक, एसएसआई महेंद्र प्रसाद, मंडी चौकी इंचार्ज विजय मेहता, भोटियापड़ाव चौकी इंचार्ज देवेंद्र राणा, कांस्टेबल बंशीधर जोशी, कुंदन सिंह व धीरेंद्र अधिकारी शामिल रहे।
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